Last Updated: Saturday, May 18, 2013, 19:05
नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने 10 करोड़ रूपये के रेलवे रिश्वतकांड के एक आरोपी की जमानत याचिका आज खारिज कर दी। इस मामले में पूर्व रेल मंत्री पवन कुमार बंसल का भांजा भी गिरफ्तार हुआ है।
सीबीआई की विशेष न्यायाधीश स्वर्ण कांता शर्मा ने धर्मेंद्र कुमार की जमानत याचिका खारिज की। इससे पहले पहले सीबीआई ने कहा कि कुमार की रिहाई का शुरूआती स्तर में चल रही जांच पर बुरा असर पड़ सकता है। कुमार ने सह आरोपी विवेक कुमार के साथ मिलकर बंसल के भांजे विजय सिंगला को चंडीगढ़ में कथित रूप से 90 लाख रूपये पहुंचाये थे। यह राशि रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी को एक शीर्ष पद देने के लिए 10 करोड़ रूपये की कथित रिश्वत का एक हिस्सा थी।
न्यायाधीश ने कहा, ‘बहस सुनी। जमानत याचिका खारिज की जाती है।’ सीबीआई की ओर से वरिष्ठ लोक अभियोजक अक्षय गौतम ने कुमार की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वह और सह आरोपी विवेक धन पहुंचाने और धन किसे पहुंचाना है, इसके पीछे के उददेश्य से भलीभांति परिचित हैं और वे इस मामले में साजिशकर्ताओं में से एक हैं। सीबीआई के वकील ने कहा कि अपराध की ‘गहराई’ पर विचार करते हुए उन पर दया दिखाना न्याय का उपहास होगा।
उन्होंने कहा कि इनके प्रति किसी तरह की नरमी दिखाना गलत होगा। गौतम ने कहा कि सीबीआई की जांच शुरूआती दौर में है और कई सारी चीजों का अभी पता लगाना बाकी है। अभियोजक ने कहा, ‘अगर उन्हें जमानत दी जाती है तो इसका एजेंसी की जांच पर असर पड़ेगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि 45-45 लाख रुपये वाले बैग दो अलग-अलग कारों में दो ‘कूरियर’ गए थे। उन्होंने कहा कि यह सब सुनियोजित और संगठित तथा उनकी जानकारी के बगैर यह नहीं हो सकता था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, May 18, 2013, 19:05