Last Updated: Friday, October 14, 2011, 12:45
नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने स्थानीय अदालत को बताया कि समाजवादी पार्टी के नेता रेवती रमण सिंह के 2008 के कैश फॉर वोट मामले में संलिप्त होने का अब तक कोई सबूत नहीं मिला है। दूसरी ओर दिल्ली की एक अदालत ने इसी मामले में भाजपा सांसद अशोक अर्गल को तीन नवंबर को अपने समक्ष पेश होने का समन जारी किया है।
सरकारी वकील राजीव मोहन ने विशेष न्यायाधीश संगीता ढींगरा सहगल को बताया कि उपलब्ध सबूतों के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि सिंह सांसदों को रिश्वत देने संबंधी कथित साजिश में लिप्त थे। यह रिश्वत तत्कालीन संप्रग सरकार द्वारा 2008 में हुए विश्वास मत के दौरान समर्थन हासिल करने के एवज में दी गई थी और इसीलिए उनका नाम आरोप पत्र में नहीं आया है।
वकील ने कहा, ‘इस बात का कोई सबूत नहीं है जिससे उनका नाम आरोप पत्र में आरोपी के तौर पर शामिल किया जा सके। यह दिखाने के लिए कोई बातचीत या रिकार्ड नहीं है कि वह साजिश का हिस्सा थे।’ मोहन ने एक दिन पहले अदालत के उस निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही जिसमें अदालत ने वकील से कहा था कि वह इस घोटाले में रेवती रमण सिंह की कथित भागीदारी की जांच के बारे में अदालत को अवगत कराए और उनकी भूमिका को लेकर अपना नजरिया स्पष्ट करे।
(एजेंसी)
First Published: Friday, October 14, 2011, 18:22