Last Updated: Tuesday, November 15, 2011, 08:43
नई दिल्ली : खुद को वरिष्ठ कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी का जैविक पुत्र बताने वाले रोहित शेखर ने आज दिल्ली हाईकोर्ट में अपील दायर कर इसके एकल न्यायाधीश वाले फैसले को चुनौती दी। इस फैसले में तिवारी को पितृत्व विवाद में डीएनए परीक्षण के लिए खून का नमूना देने से छूट दी गई थी।
रोहित ने 23 सितंबर के आदेश के खिलाफ अपनी अपील में तर्क दिया है कि न्यायाधीश यह विचार करने में विफल रहे कि यदि 85 वर्षीय तिवारी को अदालत के पूर्व के आदेश के अनुरुप खून का नमूना देने के लिए बाध्य नहीं किया गया तो उसके लिए न्याय पाना कठिन हो जाएगा। रोहित (31) ने अपील में कहा कि एकल न्यायाधीश उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तथा आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रह चुके तिवारी के आनाकानी वाले व्यवहार से संतोषजनक तरीके से नहीं निपट पाए।
उसने कहा कि अदालत यह तय करने में भी विफल रही कि किसी चीज का अनुमान लगाने और उसे वैज्ञानिक तरीके से सिद्ध करने में अंतर होता है। रोहित ने कहा ‘हर गुजरते दिन के साथ न्याय पाने की संभावना इस आशंका के साथ क्षीण हो रही है कि अत्यंत महत्वपूर्ण साक्ष्य हमेशा के लिए खो रहा है।’
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 15, 2011, 15:14