Last Updated: Tuesday, April 30, 2013, 23:23
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली: लद्दाख में तंबू लगाकर डेरा जमाए चीनी सैनिकों की वहां से जाने की उम्मीद बहुत कम नजर आ रही है। वरिष्ठ सरकारी और खुफिया अधिकारियों के अनुसार पश्चिमी लद्दाख में जमे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवान अब शायद ही वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार जाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि चीन घुसपैठ के जरिए यह देखना चाहता था कि भारत किस तरह की प्रतिक्रिया करता है। लद्दाख में चीनी सैनिकों को तंबू गाड़े 15 दिन से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन भारत ने अभी तक सिर्फ डिप्लोमेटिक जवाब ही दिया है। बल्कि किसी तरह की कार्रवाई नहीं की है।
ऐसे में सैन्य कार्रवाई की भी संभावना नहीं के बराबर है। इससे चीन का हौसला बढ़ गया है। अधिकारियों के अनुसार किसी तरह की सैन्य कार्रवाई से चीन को तनाव बढ़ाने का मौका मिल जाएगा। ऐसे में चीनी सैनिकों को खदेड़ने से भारत को कोई फायदा नहीं होगा। अगर भारत चीन की सीमा में शिविर स्थापित करता है तो वह वास्तविक नियंत्रण रेखा के नजदीक और भारतीय जमीन पर कब्जा कर लेगा।
First Published: Tuesday, April 30, 2013, 23:23