लेक्चरर बनने के लिए नेट न्यूनतम अर्हता, PHD को छूट

लेक्चरर बनने के लिए नेट न्यूनतम अर्हता, PHD को छूट

नई दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कुछ विश्वविद्यालयों और संस्थाओं द्वारा व्याख्याता और सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन में आयोग की ओर से निर्धारित न्यूनतम अर्हता का उल्लेख नहीं करने पर एतराज जताते हुए यह स्पष्ट किया है कि इन पदों पर नियुक्ति के लिए नेट, सेट या एसएलईटी पात्रता की न्यूनतम शर्त है। यूजीसी ने कहा कि परीक्षार्थियों समेत सभी पक्षों के व्यापक हित में न्यूनतम पात्रता का स्पष्ट उल्लेख करना जरूरी है।

आयोग ने कहा कि 11 जुलाई 2009 और 18 सितंबर 2010 को अधिसूचित किये गए नियमन के तहत विश्वविद्यालय, कालेजों या अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में व्याख्याता और सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए नेट, सेट या एसएलईटी पात्रता की न्यूनतम शर्त है और केवल उन ‘पीएचडी धारकों’ को इस शर्त से छूट दी जायेगी जिन्हें पीएचडी की डिग्री, यूजीसी (पीएचडी डिग्री प्रदान करने की न्यूनतम मानक एवं प्रक्रिया) नियमन 2009 के तहत प्रदान की गई हो।

आयोग के एक अधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया कि व्याख्याता या सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति के लिए स्नातकोत्तर स्तर पर जिस संकाय या विषय में नेट, सेट या एसएलईटी की परीक्षा नहीं ली जाती है, उन विषयों में न्यूनतम पात्रता की यह शर्त जरूरी नहीं होगी।

उन्होंने कहा, आयोग के संज्ञान में यह बात आई है कि पिछले कुछ समय से कुछ विश्वविद्यालय या शैक्षणिक संस्थान व्याख्याता या सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए अपने विज्ञापन में यूजीसी के दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं।

अधिकारी ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के संज्ञान में यह बात भी आई है कि कुछ विश्वविद्यालय, कालेज एवं शैक्षणिक संस्थान आयोग की 471वीं और 472वीं बैठक के प्रस्तावों का जिक्र करते हुए न्यूनतम पात्रता की शर्तो को स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। आयोग के अनुसार, विश्वविद्यालयों, शैक्षणिक संस्थान और परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों समेत सभी पक्षों के व्यापक हित में यह स्पष्ट किया जाता है कि ये प्रस्ताव पात्रता का मात्र एक हिस्सा है। न्यूनतम पात्रता के लिए नेट या सेट या एनएलईटी जरूरी है। यूजीसी अधिनियम, 1956 के तहत आयोग को विश्वविद्यालय या शैक्षणिक संस्थाओं में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पात्रता की व्याख्या करने का अधिकार प्राप्त है।

यूजीसी :संबद्ध विश्वविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति की न्यूनतम पात्रता: तीसरा संशोधन नियमन 2009 के तहत शैक्षणिक संस्थाओं में व्याख्याता और सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए नेट, सेट या एसएलईटी पात्रता की न्यूनतम शर्त है और केवल उन ‘पीएचडी धारकों’ को इस शर्त से छूट दी जायेगी जिन्हें पीएचडी की डिग्री यूजीसी (पीएचडी डिग्री प्रदान करने की न्यूनतम मानक एवं प्रक्रिया) नियमन 2009 के तहत प्रदान की गई हो।

First Published: Sunday, October 28, 2012, 14:07

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