Last Updated: Sunday, June 16, 2013, 00:23
बेंगलुरू : तेल आयातक लॉबी द्वारा पेट्रोलिय मंत्री को ‘धमकाने’ का बयान देकर विवाद शुरू करने वाले तेल मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने आज सफाई देते हुए कहा कि धमकी ‘निर्णय प्रक्रिया को बाधित करने के’ मकसद से थी न कि किसी अन्य कारण के लिए।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘पेट्रोलिय मंत्री को दी गयी धमकियां निर्णय प्रक्रिया को बाधित करने के मकसद से थी, न किसी अन्य कारण से। मैंने यह कहा था कि बड़े स्तर पर तेल उत्खनन को लेकर ‘भय और चिंता’ है क्योंकि इसमें अड़चनें हैं।’’
मोइली ने कहा कि यदि भारत तेल आयात पर वाषिर्क रूप से सात लाख करोड़ रूपये से आठ लाख करोड़ रूपये तक खर्च करता रहेगा तो अर्थव्यवस्था पर बहुत दुष्प्रभाव पड़ेगा।
प्राकृतिक गैस मूल्यों में भारी वृद्धि की पेशकश करने के कारण आलोचना झेल रहे मोइली ने कहा था कि पेट्रोलियम मंत्री को तेल आयातक लॉबी द्वारा उस निर्णय को रोक देने के लिए धमकी मिली थी जिसके तहत तेल आयात में 160 अरब डॉलर तक की कमी हो सकती है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, June 16, 2013, 00:23