लोकपाल पर कैबिनेट बैठक मंगलवार को! - Zee News हिंदी

लोकपाल पर कैबिनेट बैठक मंगलवार को!



ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो/एजेंसी


 

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल लोकपाल विधेयक को मंगलवार को होने वाली बैठक में मंजूरी दे सकता है। वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने प्रस्तावित सरकारी विधेयक को 'बेकार और निर्थक' करार दिया है। मंत्रिमंडल यदि मंजूरी दे देती है तो विधेयक को अत्यावश्यक विचार और पारित कराने के लिए 21 दिसंबर को लोकसभा में लाया जा सकता है।

 

सूत्रों ने बताया कि बड़ी संख्या में हुए संशोधनों के कारण सरकार द्वारा लोकसभा में एक नया विधेयक लाए जाने की संभावना है। मंत्रिमंडल की बैठक पहले सोमवार शाम को होनी तय थी, लोकिन केंद्रीय गृह मंत्री पी.  चिदंबरम को विधेयक के मसौदे में कुछ त्रुटि नजर आई। बैठक अब मंगलवार की सुबह होने की संभावना है।

 

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री सलमान खुर्शीद ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी एवं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सोमवार रात विधेयक के अंतिम मसौदे की समीक्षा करेंगे। सूत्रों के मुताबिक खुर्शीद ने बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि लोकपाल विधेयक पर ढाई घंटे बैठक चली, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम, खुर्शीद और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी शामिल हुए। मंत्रियों में से अधिकांश पेशे से वकील रहे हैं, इसलिए उन्होंने विधेयक के मसौदे को अच्छी तरह परखा, ताकि उसमें कोई त्रुटि न रह जाए। सूत्रों ने बताया कि सरकारी विधेयक में प्रधानमंत्री को कुछ शर्तो के साथ लोकपाल के दायरे में रखा जा सकता है।

 

बताया गया है कि विधेयक में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अभियोजन इकाई को भी लोकपाल के दायरे में लाया जाएगा। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि सरकार किसी के दबाव मे नहीं है और लोकपाल बिल के ड्रॉफ्ट को अंतिम रुप दिया जा रहा है। अधिकारी लोकपाल पर ड्राफ्ट तैयार करने में लगे हैं और सोमवार रात तक अंतिम ड्राफ्ट तैयार कर लिया जाएगा। लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री एवं वित्त मंत्री की मौजूदगी में नॉर्थ ब्लॉक में हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद खुर्शीद ने संवाददाताओं से कहा कि हमारा प्रयास है कि विधेयक इसी सत्र में लाया जाए।

 

कुछ पार्टियों का मानना है कि इस पर और बहस होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विधेयक का मसौदा तैयार है और इसे जल्द ही प्रधानमंत्री तथा कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा। खुर्शीद ने कहा कि मसौदा बिल्कुल तैयार है, अब केवल कैबिनेट को इस पर विचार करना है जो प्रधानमंत्री के देखने के बाद किया जाएगा।

इस बीच, अन्ना हजारे ने पुणे में संवाददाताओं से कहा कि सरकार का प्रस्तावित विधेयक 'बेकार और निर्थक है'। अन्ना हजारे के एक सहयोगी के अनुसार वह सोमवार को ही दिल्ली आने वाले थे, लेकिन उन्होंने यात्रा स्थगित कर दी।

 

उधर, खुर्शीद ने कहा कि सरकार संसद के चालू शीतकालीन सत्र में लोकपाल विधेयक पारित करना चाहती है। लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री एवं वित्त मंत्री की मौजूदगी में नॉर्थ ब्लॉक में हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद खुर्शीद ने संवाददाताओं से कहा कि हमारा प्रयास है कि विधेयक इसी सत्र में लाया जाए। उन्होंने कहा कि विधेयक का मसौदा तैयार है और इसे जल्द ही प्रधानमंत्री तथा कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा।

 

उन्होंने कहा कि मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए कई अधिकारी तीन रात से कार्यालय में ठहरे हुए हैं। खुर्शीद ने कहा कि हमारे कई अधिकारी तीन रात से सोए नहीं हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि उनके जागे रहने की यह आखिरी रात होगी। सरकार के साथ-साथ कांग्रेस भी लोकपाल विधेयक पर राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति बनाने का प्रयास कर रही है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिक मंत्रालय में राज्यमंत्री अश्विनी कुमार ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि देश में एक प्रभावी लोकपाल कानून होना चाहिए। सरकार और कांग्रेस पार्टी अपने सहयोगियों और विपक्षी दलों से बातचीत कर सहमति बनाने का प्रयास कर रही है। इस बीच, केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि लोकपाल विधेयक को लेकर सरकार को बहुत सतर्कता बरतनी चाहिए ताकि कहीं सरकार के ऊपर एक सुपर सरकार न बन जाए।

 

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री पी. के. बंसल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पहले ही सूचित कर चुके हैं कि सरकार सत्र को बढ़ाने की इच्छुक है। सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा ने व्हिप जारी कर अपने सदस्यों को 22 दिसंबर तक संसद में मौजूद रहने को कहा है। सूत्रों के अनुसार सत्र को बढ़ाने की जरूरत इसलिए पड़ सकती है, क्योंकि विधेयक के मसौदे में 60 से अधिक संशोधन किए गए हैं और संसद में इस पर विपक्षी सदस्यों की बहस के बाद इसमें और संशोधन किए जा सकते हैं।

 

संसद का मौजूदा सत्र चूंकि 22 दिसंबर को खत्म होने जा रहा है, इसलिए सरकार विधेयक को पारित कराने के लिए सत्र को एक दिन के लिए 23 दिसंबर तक बढ़ा सकती है या क्रिसमस अवकाश के बाद सत्र 27 से 29 दिसंबर तक चल सकता है।

सूत्रों के अनुसार, सीबीआई एक स्‍वायत्‍त संस्‍था होगी और सीबीआई को सरकारी नियंत्रण से मुक्‍त करने की कोशिश की जा रही है। सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि लोकपाल बिल लोकसभा में बुधवार को यानी 21 दिसंबर को पेश हो सकता है।

First Published: Tuesday, December 20, 2011, 10:06

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