Last Updated: Thursday, December 29, 2011, 08:18
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली : लोकपाल विधेयक पर राज्यसभा में गुरुवार को चल रही चर्चा के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर विधेयक को पास नहीं कराने के लिए बहाने बनाने का आरोप लगाया। सदन में सरकार का पक्ष रखते हुए सिंघवी ने भाजपा का इस मुद्दे पर रुख स्पष्ट नहीं होने का भी आरोप लगाया।
लोकपाल विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करने वाले विपक्ष के नेता अरुण जेटली पर हमला करते हुए सिंघवी ने कहा कि मूलभूत सवाल यह है कि आप लोकपाल विधेयक पास करवाना चाहते हैं या नहीं? लोकपाल और लोकायुक्त पर बीजेपी का रवैया दोहरा है। लोकपाल नहीं सिर्फ शोर मचाना बीजेपी का मकसद है।
उन्होंने कहा कि संस्थाओं को बर्बाद करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। बीजेपी की मंशा न तो बिल पास कराना है और न ही संवैधानिक दर्जा देना है।इसे (बीजेपी) दोनों ही मंजूर नहीं है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि स्टैंडिंग कमेटी में बीजेपी ने संवैधानिक दर्जे का मामला क्यों नहीं उठाया।
सिंघवी ने कहा कि बीजेपी विधेयक के लिए ऐसी नाजुक स्थिति में बयान दे रही है और वह कर रही है कि वे मजबूत और समग्र विधेयक चाहती है लेकिन तीन माह बाद। वह इस स्थिति को विधेयक को पास नहीं कराने के लिए बहाने के रूप में प्रयोग कर रही है। यदि आप विधेयक पास नहीं करवाना चाहते हैं तो ऐसा कीजिए और बहाने छोड़ने का हिम्मत दिखाइए।
उन्होंने भाजपा से कहा कि राष्ट्र से यह मत छिपाइए कि आप विधेयक पास करवा रहे हैं और दूसरे सदन आपके साथी कहते हैं कि इसे स्थाई समिति के पास भेज दीजिए। कृपया अपनी प्रतिबद्धता के प्रति ईमानदार रहिए और एक रुख अख्तियार कीजिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्यसभा में संसद के पास देश के किसी भी हिस्से के लिए कानून बनाने का हक है। देशहित में संविधान ने संसद को कई शक्तियां दी हैं। सिंघवी ने कहा कि बिल पास न हो इसलिए बीजेपी बहाने बना रही है। बीजेपी नेता संविधान निर्मताओं से खुद को काबिल न समझें। यदि लोकपाल बिल पास नहीं करवाना चाहते तो आप (विपक्ष) बताएं। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या आप फिर से बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजना चाहते हैं।
सिंघवी ने कहा कि लोकपाल के अंदर सब कुछ लाना संभव नहीं है। ऐसा लोकपाल क्यों लाया जाना चाहिए, जिसके आगे सरकार बौनी हो। इसलिए इस बिल को पास करना है या लटकाना, यह विपक्ष तय करे। हालांकि देशहित में आए इस लोकपाल बिल को पास करने में सभी सदस्यों को मदद करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि चार्जशीट फाइल करने का अधिकार लोकपाल को है, लेकिन सभी मसलों को लोकपाल के दायरे में लाना मुमकिन नहीं है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि देश में अराजकता पैदा करने का प्रयास क्यों किया जा रहा है। प्रशासनिक नियंत्रण के सिस्टम को खत्म करने की कोशिश क्यों हो रही है। इसलिए संस्थओं को बर्बाद करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने सरकार की तरफ से सफाई देते हुए कहा कि सीएजी, सीवीसी पर सरकार का दखल नहीं है। कोई नहीं कह सकता है कि सीएजी और सीईसी सरकरी संस्थाएं हैं। सिटीजन चार्टर को लोकपाल के दायरे में लाने का सवाल उठना ही नहीं चाहिए। देशहित में अनुच्छेद में 249- 253 तक केंद्र को कई अधिकार हैं और कानून में कई प्रावधान हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी अनुच्छेद 253 के तहत ही बना।
सिंघवी ने कहा कि संविधान में देशहित में केंद्र और राज्यों के लिए कानून बनाने का अधिकार है। चयन समिति में सरकार का बहुमत गलत नहीं है।
First Published: Friday, December 30, 2011, 01:28