Last Updated: Thursday, December 29, 2011, 13:04
नई दिल्ली : लोकपाल पर अन्ना हजारे के अनशन छोड़ने के एक दिन बाद टीम अन्ना ने गुरुवार को स्वीकार किया कि अन्ना के अनशन से सरकार पर अपेक्षित दबाव नहीं पड़ा और लोकपाल विधेयक पूरी तरह अनुपयोगी है।
टीम अन्ना की कोर समिति दो और तीन जनवरी को रालेगण सिद्धी में बैठक करेगी, जिसमें आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला किया जाएगा। अन्ना ने कल अचानक से जेल भरो आंदोलन और अन्य प्रदर्शन की योजनाओं पर भी विराम लगा दिया था।
टीम अन्ना के कुछ प्रमुख सदस्यों की बैठक के बाद यहां संवाददाताओं से बातचीत में प्रशांत भूषण ने कहा कि अनशन दबाव बनाने के उद्देश्य से किया गया था। अब उन्होंने पहले दिन ही निष्प्रभावी और अनुपयोगी विधेयक पारित कर दिया इसलिए दबाव का कोई अर्थ नहीं था। उन्होंने कहा कि इससे कुछ फायदा नहीं होगा और अन्ना की सेहत भी ठीक नहीं है इसलिए इसे रद्द कर दिया गया।
राज्यसभा में आज लोकपाल पर चर्चा हो रही है। उसके संबंध में भूषण ने कहा कि विधेयक पारित करने का कोई फायदा नहीं है। यह पूरी तरह अनुपयोगी विधेयक है। इसे पारित किया जाए या नहीं कोई फर्क नहीं पड़ता। किरण बेदी ने कहा कि विधेयक भ्रष्ट लोगों का संरक्षण करता है और जांच प्रक्रिया को कमजोर करता है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, December 29, 2011, 20:34