'लोकपाल बिल से खिलवाड़ कर रही हैं सरकार' - Zee News हिंदी

'लोकपाल बिल से खिलवाड़ कर रही हैं सरकार'

ज़ी न्यूज ब्यूरो

 

अन्ना हजारे ने जन लोकपाल बिल के मुद्दे पर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है और कहीं से भी नहीं लगता कि वह भ्रष्टाचार के खात्मे के मसले पर गंभीर है। अन्ना ने कहा कि सरकार बिल के साथ खिलवाड़ कर रही है जिससे जन लोकपाल बिल टुकड़े-टुकड़े में बंट जाएगा।

 

वरिष्ठ समाजसेवी और गांधीवादी अन्ना हजारे ने शुक्रवार को अपना मौन व्रत तोड़ने के बाद दोपहर पौने बारह बजे दिल्ली में मीडिया को संबोधित किया।

 

अन्ना ने कहा कि सरकार लोकपाल को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि सरकार की सख्त लोकपाल बनाने की मंशा ही नहीं है। वह जन लोकपाल विधेयक के महत्वपूर्ण प्रावधानों को अलग-अलग कर उसे कमजोर करना चाहती है।

 

 

उन्होंने ने कहा कि हिसार लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करने के बाद हमने कहा था कि पांच राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में प्रचार के दौरान वह किसी भी पार्टी का नाम नहीं लेंगे लेकिन अब सरकार की नीयत को देखकर ऐसा लगता है कि वह सख्त लोकपाल नहीं चाहती।

 

अन्ना ने कहा कि हमने फैसला किया है कि यदि सख्त लोकपाल विधेयक शीतकालीन सत्र में पारित नहीं हुआ तो विधानसभा चुनावों में वह कांग्रेस के खिलाफ खुलकर प्रचार करेंगे और उसकी मंशा के बारे में आम लोगों को बताएंगे।

 

उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र में विधेयक पास नहीं होने पर वह दिल्ली में तीन दिनों का अनशन शुरू करेंगे और उसके बाद चुनावी राज्यों का दौरा कर सरकार की नीयत के बारे में लोगों को बताएंगे।

 

अन्ना ने साथ ही यह भी कहा कि उत्तराखण्ड सरकार ने जो लोकपाल विधेयक पारित किया है उसी को रोल मॉडल मानते हुए सरकार प्रभावी लोकपाल विधेयक बनाए। अन्ना ने उत्तराखण्ड में पारित किए गए लोकपाल विधेयक की प्रशंसा करते हुए कहा कि वहां तीन महीने के भीतर ही लोगों को इसका लाभ दिखने लगेगा।

 

अन्ना ने कहा कि देश में मंहगाई भ्रष्टाचार की वजह से बढ़ रही है। सरकार उद्योगपतियों और बड़ी कम्पनियों के हाथों बिक चुकी है। उसे आम जनता से कोई लेना देना नहीं है।

 

गौरतलब है कि अन्ना ने कुछ दिनों पहले ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे एक पत्र में चेतावनी दी थी कि यदि शीतकालीन सत्र में एक प्रभावी लोकपाल विधेयक नहीं पारित किया गया तो वह सत्र के अंतिम दिन से दोबारा अनशन शुरू कर देंगे। 

First Published: Saturday, November 5, 2011, 10:41

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