Last Updated: Monday, October 10, 2011, 15:45
नई दिल्ली : सरकार ने लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए गठित हुई संयुक्त समिति की बैठकों के ऑडियो टेप सोमवार को जारी कर दिए। इन टेप के जरिए सामाजिक कार्यकर्ताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच प्रस्तावित भ्रष्टाचार निरोधी कानून के विभिन्न प्रावधानों को लेकर तीखे मतभेद रहने की बात जाहिर होती है।
अप्रैल में अन्ना हज़ारे के अनशन के बाद गठित हुई मसौदा समिति की बैठकों की ऑडियो रिकार्डिंग के नौ टेप आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल को एक सीडी के जरिए मुहैया कराए गए हैं।
संयुक्त मसौदा समिति में हज़ारे पक्ष के पांच सदस्य और पांच कैबिनेट मंत्री शामिल थे। इससे पहले, आरटीआई अर्जी के जवाब में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने कहा था कि उसे ऑडियो रिकार्डिंग जारी करने से पहले विधि मंत्रालय की मंजूरी की जरूरत है।
ऑडियो रिकार्डिंग के अनुसार, बातचीत में केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद को हज़ारे पक्ष के सदस्यों से लोकपाल को अभियोजन के अधिकार दिए जाने के बारे में सवाल करते सुना गया है। वह सवाल कर रहे हैं कि अभियोजन की मंजूरी लोकपाल की पीठ देगी या जांच अधिकारी।
इसके जवाब में कर्नाटक के तत्कालीन लोकायुक्त संतोष हेगड़े को यह कहते सुना गया है कि निर्वाचत प्रतिनिधियों, प्रधानमंत्री, न्यायपालिका के सदस्यों और इस तरह के ओहदे वाले लोगों से जुड़े मामलों के बारे में लोकपाल की पूर्ण पीठ फैसला करेगी लेकिन जांच लोकपाल के अधिकारी ही करेंगे और ऐसा आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों की ही तरह होगा।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 11, 2011, 08:28