Last Updated: Friday, November 4, 2011, 18:11
नई दिल्ली : अन्ना हजारे पक्ष ने शुक्रवार को लोकपाल विधेयक पर विचार कर रही संसदीय समिति के समक्ष न्यायपालिका, व्हिसल ब्लोअर्स और जन शिकायतों पर अलग-अलग कानून बनाने को लेकर विरोध दर्ज कराया। उधर, समिति के सदस्यों ने विधेयक को जल्दी पारित कराने के लिहाज से सामाजिक कार्यकर्ताओं की दबाव की नीति पर सवाल खड़े किए।
कानून और न्याय पर संसदीय स्थाई समिति की चार घंटे लंबी चली बैठक में अन्ना हजारे के नेतृत्व में टीम अन्ना ने लोकपाल विधेयक को अलग-अलग तरह के कदमों में तोड़ने का सख्त विरोध किया। अन्ना ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हमने कहा कि लोकपाल विधेयक को अनेक तरह के कदमों में बांटने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन यदि ये कदम मजबूत हैं तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। सिटीजन चार्टर और न्यायिक मानक तथा जवाबदेही विधेयक के मसौदे कमजोर हैं। ऐसे कमजोर विधेयक लोकपाल को कमजोर बनाएंगे।’
अन्ना ने कहा कि हालांकि समिति के अनेक सदस्यों ने भरोसा दिलाया है कि संसद के शीतकालीन सत्र में मजबूत विधेयक पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘कई अच्छे बिंदु उठाए गए हैं। हमें कुछ समाधान मिले लेकिन पूरी तरह समाधान नहीं। हमें विश्वास हो रहा है कि एक मजबूत विधेयक लाया जाएगा।’
First Published: Friday, November 4, 2011, 23:41