Last Updated: Friday, September 23, 2011, 16:17
रालेगण सिद्धि/नई दिल्ली : 2
जी स्पेक्ट्रम मामले में नए विवाद के बीच सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शुक्रवार को कहा कि अगर जन लोकपाल कानून अस्तित्व में होता तो आज गृहमंत्री पी. चिदंबरम सलाखों के पीछे होते. उधर अन्ना के कार्यकर्ताओं ने राजधानी दिल्ली के सभी सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों को रिश्वत नहीं लेने के लिए प्रेरित करने का अभियान शुरू किया.
अन्ना ने कहा कि अगर अभी जन लोकपाल होता तो चिदंबरम जेल में होते, अन्ना ने इससे पहले चिदंबरम को ‘शरारती व्यक्ति’ कहा था. अन्ना ने अहमदनगर जिले में स्थित अपने गांव रालेगण सिद्धि में कहा कि चिदंबरम को 2जी घोटाले में ‘घर’ जाना होता. अन्ना ने रामलीला मैदान में अनशन समाप्त करने के बाद इस महीने अपने गांव लौटने पर जन लोकपाल मुद्दे पर अपने अनशन से पहले दिल्ली में गिरफ्तारी और फिर रिहाई का जिक्र करते हुए कहा था कि चिदंबरम खोड़साल (मराठी शब्द, जिसका मतलब शरारती या बेईमान होता है) हैं. विपक्ष उनसे इस्तीफे और विवादास्पद 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में उनके रुख की सीबीआई जांच की मांग के लिए दबाव डाल रहा है. जनता पार्टी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा उच्चतम न्यायालय में वित्त मंत्रालय की ओर से प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा गया एक पत्र सौंपे जाने के बाद विपक्ष ने चिदंबरम पर इस्तीफा देने के लिए दबाव बढ़ा दिया है.पत्र में कहा गया है कि अगर तत्कालीन वित्तमंत्री चिदंबरम ने नीलामी के जरिए स्पेक्ट्रम आवंटन पर जोर दिया होता तो 2जी घोटाले को रोका जा सकता था. सरकार और कांग्रेस ने चिदंबरम का जोरदार बचाव करते हुए कहा था कि उनकी ईमानदारी पर कोई संदेह नहीं है और उनके आचरण पर कोई सवालिया निशान नहीं है. उधर, अन्ना हजारे के सहयोगियों ने शुक्रवार को देश की राजधानी दिल्ली के सभी सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों को रिश्वत नहीं लेने के लिए प्रेरित करने का अभियान शुरू किया. इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) की प्रवक्ता ने कहा कि इस श्रंखला का पहला कार्यक्रम दरियागंज से शुरू हुआ. कर्मचारियों को 'रिश्वत को ना' कहने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से आईएसी के सदस्य सप्ताह में एक बार सरकारी दफ्तरों का दौरा करेंगे.
प्रवक्ता ने कहा कि हमने लोगों को हमारी टीम से जुड़ने का संदेश दिया है. हम सरकारी दफ्तरों का दौरा कर कर्मचारियों से भ्रष्टाचार के बारे में बात करेंगे और उन्हें बताएंगे कि यह किस तरह देश की प्रगति में बाधक है.
(एजेंसियां)
First Published: Friday, September 23, 2011, 21:47