Last Updated: Saturday, June 29, 2013, 23:25

नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे को शनिवार को एक नोटिस जारी किया और पूछा कि अपने चुनाव प्रचार अभियान में खर्चे को ‘छिपाने और कम कर बताने के लिये’ क्यों न उन्हें अयोग्य कर दिया जाये जबकि उन्होंने जनता के बीच आठ करोड़ रुपए खर्च करने की बात स्वीकार की है।
चुनाव आयोग ने मुंडे से कहा कि 20 दिनों के भीतर बताएं कि चुनाव आचार नियम, 1961 के तहत क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाये और जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत अपने चुनावी खर्च को ठीक-ठीक बताने में ‘असफल’ रहने के लिये उन्हें क्यों न अयोग्य करार दिया जाये।
वर्ष 2009 के संसदीय चुनाव के दौरान चुनाव खर्च की सीमा 25 लाख रुपए थी।
मुंडे बीड़ से सांसद हैं और लोकसभा में भाजपा के उपनेता हैं। मुंडे ने 27 जून को मुंबई में एक किताब के विमोचन के मौके पर कहा था कि वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने आठ करोड़ रुपया खर्च किया था। इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी भी मौजूद थे। (एजेंसी)
First Published: Saturday, June 29, 2013, 23:25