Last Updated: Wednesday, January 25, 2012, 14:25
नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर नेताओं पर बरसते हुए टीम अन्ना ने बुधवार को कानून बनाने की प्रक्रिया में ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी का समर्थन किया। हजारे पक्ष ने दावा किया कि कोई भी व्यक्ति चुने हुए प्रतिनिधि पर विश्वास नहीं कर सकता क्योंकि निहित स्वार्थ वाले उद्योग घराने उनका आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।
टीम अन्ना ने इस बात को खारिज किया कि लोकपाल विधेयक या परमाणु उर्जा जैसे जटिल मुद्दों को एक आम आदमी आसानी से नहीं समझ सकता और सवाल किया कि क्या सांसदों या मंत्रियों को इन विषयों से निबटने में विशेषज्ञता हासिल है। टीम अन्ना ने आरोप लगाया कि सांसद कानून बनाते समय लोगों की इच्छाओं को नजरअंदाज करते हैं और अक्सर निजी स्वाथरें जैसी वजहों के आधार पर फैसला करते हैं।
टीम अन्ना ने कल यहां आयोजित ‘रिबिल्डिंग द रिपब्लिक’ सम्मेलन के लिए तैयार किए परिकल्पना पत्र में सरकार पर यह आरोप लगाए।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 25, 2012, 19:55