वतन पहुंचा सरबजीत का शव, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार आज

वतन पहुंचा सरबजीत का शव, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार आज

वतन पहुंचा सरबजीत का शव, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार आजज़ी मीडिया ब्यूरो
अमृतसर/लाहौर : देशभर में गुस्से और आक्रोश के बीच पाकिस्तानी जेल में कैदियों के हमले में बुरी तरह घायल होने के बाद जिंदगी की जंग हारने वाले भारतीय कैदी सरबजीत सिंह का शव गुरुवार देर शाम वतन लाया गया। 49 वर्षीय सरबजीत का शव लाहौर से एयर इंडिया के एक विशेष विमान से अमृतसर लाया गया। पट्टी सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव को उनके परिवार को भिखीविंड गांव में शुक्रवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने के लिए सौंपा गया। अमृतसर से हेलीकॉप्टर के जरिए शव को सरबजीत के पैतृक गांव भिखीविंड ले जाया गया।

एयर इंडिया के विशेष विमान के अमृतसर के राजासांसी हवाई अड्डे पर उतरने के साथ ही पाकिस्तानी जेलों में दो दशक से अधिक समय गुजारने वाले सरबजीत की रिहाई के प्रयास की उनके परिवार की जंग का भी दर्दनाक अंत हो गया। शव को लेने के लिए हवाई अड्डे पर पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और विदेश राज्यमंत्री परनीत कौर सहित कई राजनीतिक दलों के नेता मौजूद थे।

लाहौर के जिन्ना अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि सरबजीत का तकरीबन एक सप्ताह तक कोमा में रहने के बाद भारतीय समयानुसार गुरुवार तड़के डेढ़ बजे दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। सरबजीत दूसरे भारतीय कैदी हैं जिनकी इस साल पाकिस्तान के कोट लखपत जेल में मृत्यु हुई है। सरबजीत पर गत शुक्रवार को उस वक्त छह कैदियों ने बर्बर हमला किया था जब उन्हें तथा अन्य कैदियों को ब्रेक के लिए अपनी कोठरी से बाहर लाया गया था।

पंजाब सरकार ने सरबजीत के परिवार को एक करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता देने और तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि सभी सरकारी भवनों पर ध्वज आधे झुके रहेंगे और इस अवधि के दौरान कोई आधिकारिक समारोह का कार्यक्रम नहीं होगा। केंद्र ने प्रधानमंत्री राहत कोष से सरबजीत के परिवार को 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

इस बीच अमृतसर मेडिकल कॉलेज के छह चिकित्सकों के एक दल ने गुरुवार रात सरबजीत की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए दूसरा पोस्टमार्टम किया। पहला पोस्टमार्टम लाहौर के जिन्ना अस्पताल में किया गया था। चंडीगढ़ में पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने किन परिस्थितियों में सरबजीत की मौत हुई इसकी एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी से स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है। बादल ने मामले के प्रति केंद्र के रवैये की भी आलोचना की।

कस्टम क्लीयरेंस की वजह से सरबजीत का शव अमृतसर पहुंचने में देरी हुई। पंजाब सरकार ने घोषणा की थी कि सरबजीत के शव का फिर से पोस्टमार्टम कराया जाएगा, ताकि वास्तविकता सामने आ सके। अमृतसर के पट्टी सिविल अस्पताल में सरबजीत के शव का पोस्टमार्टम किया गया। पांच डॉक्टरों की टीम सरबजीत के शव का पोस्टमार्टम किया।

इससे पहले भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारियों ने आज पाकिस्तान के लाहौर में सरबजीत का शव लिया। दोनों अधिकारी शव के साथ विशेष विमान से भारत आए। टीवी फुटेज में जिन्ना अस्पताल के कर्मचारी और एक पुलिसकर्मी एक ताबूत को एम्बुलेंस में रखते हुए नजर आए। हथियारबंद पुलिसकर्मियों युक्त कई वाहनों की सुरक्षा के बीच एम्बुलेंस को जिन्ना अस्पताल से लाहौर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे लाया गया। पाकिस्तानी अधिकारियों ने मेडिकल बोर्ड द्वारा शव का पोस्टमार्टम किए जाने के बाद उसे भारतीय अधिकारियों को सौंपा।

सूत्रों ने बताया कि सरबजीत के शव के कुछ नमूने फॉरेंसिक जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं। अटॉप्सी की अंतिम रिपोर्ट दो सप्ताह में आने की आशा है। सरबजीत का शव भारतीय अधिकारियों को सौंपे जाने के दौरान जिन्ना अस्पताल के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। अस्पताल के भीतर और बाहर दर्जनों पुलिस कमांडो तैनात दिखे।

लाहौर के कोट लखपत जेल में अन्य कैदियों द्वारा पिटाई किए जाने के बाद 49 वर्षीय सरबजीत एक सप्ताह तक जिन्ना अस्पताल में भर्ती थे। उनकी आज तड़के मौत हो गई। सरबजीत सिंह करीब 22 वर्ष से पाकिस्तान के जेल में बंद थे। वह वर्ष 1990 में पंजाब प्रांत में हुए बम धमाकों में कथित तौर पर शामिल होने के दोषी थे। इन हमलों में 14 लोग मारे गए थे।

उनकी दया याचिका को अदालत और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने खारिज कर दिया था, लेकिन वर्ष 2008 में पूर्व पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की सरकार ने सरबजीत की मौत की सजा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था। सरबजीत सिंह के परिवार ने इस मामले में हमेशा कहा कि वह गलत पहचान के शिकार हो गए।

First Published: Thursday, May 2, 2013, 18:10

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