Last Updated: Wednesday, January 23, 2013, 20:21
मुंबई : केंद्रीय कानून मंत्री अश्वनी कुमार ने तेजी से न्याय देने की प्रक्रिया में खामियों को दूर करने की जरूरत पर जोर देते हुए आज कहा कि सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए न्यायमूर्ति जेएस वर्मा समिति की सिफारिशों को लागू करने को शीर्ष प्राथमिकता देगी।
कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराधों से सख्ती से निपटने के उद्देश्य से न्यायिक प्रक्रिया में सुधार के लिए हरसंभव उचित प्रयास करेगी। मंत्री ने कहा, ‘मंत्रिमंडल के समक्ष सिफारिशों को पेश किया जाएगा और बाद में संविधान संशोधन के लिए संसद में पेश किया जाएगा। प्रक्रिया में खामियों पर ध्यान देने की जरूरत है जिनके चलते अत्यधिक देरी होती है।’ वर्मा समिति को करीब 80 हजार सुझाव मिले और उन्होंने 29 दिन के भीतर अपना काम पूरा कर लिया।
तीन सदस्यीय समिति के प्रमुख न्यायमूर्ति वर्मा को केंद्र सरकार ने गत 23 दिसंबर को सिफारिश देने का काम सौंपा था। समिति के अन्य सदस्यों में हिमाचल प्रदेश की पूर्व मुख्य न्यायाधीश लीला सेठ और पूर्व सालिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम हैं। किशोर वर्ग की आयु 18 साल से कम करके 16 साल करने की मांग के संदर्भ में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि बदलते सामाजिक नियमों को देखते हुए इस विषय पर विचार करने की जरूरत है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 23, 2013, 20:21