Last Updated: Sunday, November 27, 2011, 14:52

नई दिल्ली : पाकिस्तान के साथ वर्ष 1999 में हुए कारगिल युद्ध से करीब एक वर्ष पहले खुफिया ब्यूरो (आईबी) ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को कारगिल क्षेत्र में नियंत्रण रेखा के पास पड़ोसी देश की साजो-सामान संबंधी तैयारियों के बारे में सूचना दी थी। सेना के एक वैचारिक संगठन ने इस तरह का दावा किया है।
सेंटर फॉर लैंड वॉरफेयर स्टडीज (क्लॉज) के अध्ययन में कहा गया, दो जून 1998 को आईबी ने प्रधानमंत्री को एक नोट भेजा जिसमें करगिल के सामने वाले क्षेत्र में नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान की साजो-सामान संबंधी तैयारी करने की कोशिशों का विवरण था।
अध्ययन के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया था कि परमाणु शक्ति संपन्न होने के बाद पाकिस्तान कारगिल में भाड़े के सैनिक भेज सकता है। इस नोट पर तत्कालीन आईबी प्रमुख ने प्रोटोकॉल टर्म्स में दस्तखत किए थे यानी एक ऐसा चिह्न जो बताता है कि दस्तावेज की विषय-वस्तु असाधारण रूप से संवेदनशील है और जिस पर ध्यान देना जरूरी है।
अध्ययन पेरिल्स ऑफ प्रेडिक्शन, इंडियन इंटेलिजेंस एंड द करगिल क्राइसिस में कहा गया कि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) ने भी अक्तूबर 1998 के अपने आकलन में आगाह किया था कि पाकिस्तानी सेना गठबंधन के अपने सहयोगियों (संदर्भ - भाड़े के सैनिक) की संभावित मदद के साथ एक सीमित लेकिन तेज हमला कर सकती है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 28, 2011, 11:39