Last Updated: Wednesday, October 17, 2012, 22:30
नई दिल्ली : राबर्ट वड्रा से के भूमि सौदे की जांच की मांग को खारिज करते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका द्वारा सोनिया गांधी के दामाद से संबंधित भूमि सौदे की जांच का आदेश बाद में विचारित काम है।
पार्टी प्रवक्ता राशिद अल्वी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए वड्रा के खिलाफ आरोपों को ‘पूरी तरह से आधारहीन’ बताया। उन्होंने कहा कि किसी जांच की जरूरत नहीं। जांच आवश्यक नहीं है। मैं सिरे से नकारता हूं। उनसे संववाददाताओं ने पूछा था कि क्या कांग्रेस इस मामले में व्यापक जांच कराने की वकालत करेगी क्योंकि हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने वाड्रा के भूमि सौदों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
अल्वी ने कहा कि यदि कोई जांच करवाई जानी है या कोई कदम उठाया जाना है तो वह भारत सरकार या किसी उपयुक्त एजेंसी के समक्ष की गई शिकायत के आधार पर होनी चाहिए। खेमका के तबादले के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि अधिकारी का तबादला 11 अक्टू बर को हो गया था और उन्होंने वड्रा से जुड़े भूमि के बारे में निर्णय बारह और पंद्रह अक्तूबर को लिया। यानी तबादले से इस निणर्य का कोई वास्ता नहीं है।
अल्वी ने कहा कि मीडिया की खबरों के मुताबिक उक्त अधिकारी का 40 बार तबादला हुआ है। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि आखिर 39 बार जब उनका तबादला हुआ था तो किसी ने उनके तबादले पर सवाल नहीं उठाया।
अल्वी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि कि बगैर किसी कारण के 39 तबादले हुए होंगे। कोई न कोई कारण रहा होगा। इसके पीछे जरूर कोई न कोई प्रशासनिक कारण रहा होगा जिसके बारे में हरियाणा के मुख्यमंत्री बेहतर बता सकते हैं। अल्वी ने कहा कि हरियाण सरकार ने खेमका द्वारा उठाए गए मुद्दे की जांच के लिए एक समिति गठित की है। जो एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट दे देगी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 17, 2012, 22:30