Last Updated: Sunday, October 7, 2012, 13:18

नई दिल्ली : रिएलिटी कंपनी डीएलएफ ने राबर्ट वाड्रा को बिना गारंटी वाला ऋण कृपादृष्टि के बदले में देने वाले आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उसने उनके साथ सौदा एक व्यक्तिगत उद्यमी के नाते पारदर्शी तरीके से किया था। कपंनी के जारी एक बयान में कहा कि उसने 65 करोड़ रुपये ‘व्यापार अग्रिम’ के रूप में दिये थे जिसमें से 15 करोड़ रुपये पूर्ण रूप से वापस कर दिये गए तथा 50 करोड़ रुपये का इस्तेमाल भूमि खरीदने के लिए किया गया।
समाजिक कार्यकर्ताओं अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण की ओर से लगाये गए आरोप कि कंपनी ने वाड्रा पर कृपादृष्टि की, डीएलएफ ने कहा कि उसने राज्य सरकारों से ना तो कोई अनुचित लाभ लिया और ना ही उसे दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान सरकारों से कोई भूमि आवंटित की गई।
डीएलएफ ने इसके साथ ही इस आरोप को भी खारिज किया कि कंपनी ने वाड्रा और उनकी कपंनियों को संपत्तियां कौड़ियों के भाव बेचीं। डीएलएफ ने कहा, हम यह बताना चाहेंगे कि डीएलएफ के मिस्टर रॉबर्ट वाड्रा अथवा उनकी कंपनियों के साथ व्यापारिक संबंध व्यक्तिगत उद्यमी के नाते थे तथा ये पूरी तरह से पारदर्शी तथा दोनों पक्ष स्वतंत्र एवं बराबरी की स्थिति में थे। डीएलएफ ने कहा कि वाड्रा के साथ व्यापारिक संबंध नैतिकता के मानकों पर खरे हैं। उसने कहा, हम यह विशेष तौर पर कहना चाहेंगे कि डीएलएफ ने वाड्रा या उनकी किसी कंपनी को बिना गारंटी का कोई ऋण नहीं दिया।
65 करोड़ रुपये की राशि दो लेनदेनों में भूमि खरीदने के लिए व्यापारिक अग्रिम के रूप में दिये गए। डीएलएफ ने कहा कि उसने वर्ष 2008-2009 में गुड़गांव में स्काईलाइट हास्पिटैलिटी से 3.5 एकड़ भूमि 50 करोड़ रुपये में खरीदी थी। उसने कहा, किसी भी स्तर पर स्काईलाइट समूह को ब्याजमुक्त ऋण नहीं दिया गया। सम्पत्ति खरीद के बदले दो व्यापारिक अग्रिम हुए। इसमें से एक 50 करोड़ रुपये का था जिसमें वाणिज्यिक भूमि की खरीद हुई। दूसरा 15 करोड़ रुपये का अग्रिम था जो पूर्ण रूप से वापस कर दिया गया। (एजेंसी)
First Published: Sunday, October 7, 2012, 09:27