Last Updated: Tuesday, May 28, 2013, 22:58
नई दिल्ली : ब्रिटिश अधिकारियों ने आज नेवल वार रूम लीक के एक प्रमुख आरोपी रवि शंकरन को भारत में मुकदमे का सामना करने के लिहाज से यहां भेजने के लिए आज उसके प्रत्यर्पण का आदेश दिया। इस कदम से कई महीनों से लंबित अदालती कार्यवाही तेज हो सकती है।
सीबीआई ने कहा कि ब्रिटेन की गृह मंत्री थेरसा मे ने पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश के करीबी रिश्तेदार शंकरन को भारत प्रत्यर्पण करने और मुकदमे का सामना करने के लिए आदेश जारी किये लेकिन उसे मामले में अपील दाखिल करने के लिए 14 दिन का वक्त भी दिया। इस आदेश से ठीक दो महीने पहले ब्रिटेन की एक अदालत ने शंकरन के प्रत्यर्पण के खिलाफ उसकी अपील को खारिज कर दिया था।
सीबीआई ने उसके प्रत्यर्पण पर जोर देते हुए ब्रिटेन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत को आश्वासन दिया था कि जब उसे मुकदमे का सामना करने के लिए लाया जाएगा तो उसकी जमानत का विरोध नहीं किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि 49 वर्षीय शंकरन ने अपने भारत प्रत्यर्पण का विरोध करने के कारणों में भारत में जमानत से इनकार को गिनाया था।
हालांकि अदालत को आश्वासन दिये जाने के बाद डिस्ट्रिक्ट जज निकोलस इवान्स ने व्यवस्था दी थी कि ब्रिटिश गृह मंत्री प्रत्यर्पण आदेश जारी करने पर अंतिम फैसला कर सकती हैं।
सीबीआई ब्रिटेन में सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद शंकरन को वापस लाने के लिए एक दल को वहां भेज सकती है। शंकरन ब्रिटिश गृह मंत्री के फैसले का वहां अदालत में विरोध कर सकता है। उसके खिलाफ इंटरपोल का एक रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था।
सीबीआई ने आश्वासन देने के साथ अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उसका नाम आरोपपत्र में दर्ज किया गया था और उस पर मुकदमा चलाने की जरूरत है। मई, 2010 में लंदन में गिरफ्तार किये गये सेवानिवृत्त सैन्य कमांडर शंकरन को सशर्त जमानत मिली हुई है। वार रूम से अत्यंत गोपनीय जानकारी शस्त्र विक्रेेताओं को लीक करने के मामले का एक प्रमुख आरोपी शंकरन सीबीआई द्वारा मार्च, 2006 में मामला दर्ज होने के बाद से फरार है।
उसके पासपोर्ट को 1 मई, 2006 को रद्द कर दिया गया था और उस साल जुलाई में उसके खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया। शंकरन के बारे में सबसे पहले 2007 में ब्रिटेन में होने का पता चला और प्रत्यर्पण का अनुरोध भेजा गया। हालांकि खबरों के मुताबिक वह लंदन से यूरोप के अन्य हिस्से में चला गया। 2010 में उसे स्काटलैंड यार्ड ने गिरफ्तार कर लिया था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 28, 2013, 22:58