Last Updated: Wednesday, June 13, 2012, 08:27

वाशिंगटन: भारतीय उद्योग जगत को लेकर अमेरिकी कारोबारी समुदाय को भरोसा दिलाने की कोशिश में विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों के लिए बाहरी वातावरण तैयार करना चाह रहा है।
विदेश मंत्री ने यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) में अपने संबोधन में कहा ‘हम अपने राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों के लिए उद्देश्यपूर्ण तरीके से बाहरी वातावरण तैयार करना चाह रहे हैं। हमारे पड़ोस में बहुत कुछ बदल रहा है।’’ कृष्णा ने कहा ‘हम व्यापार संबंधों में नए प्रतिमानों के लिए पाकिस्तान के साथ काम कर रहे हैं। अफगानिस्तान में हम निवेश, विकास में भागीदारी और क्षेत्रीय एकीकरण के जरिये काबुल को सहयोग दे रहे हैं।’
उन्होंने कहा ‘जून के आखिर में हम दिल्ली में निवेशकों का एक सम्मेलन आयोजित करेंगे। मुझे उम्मीद है कि आप वहां जरूर आएंगे।’ विदेश मंत्री ने कहा कि भारत व्यापार में वृद्धि, सहयोग में वृद्धि और संपर्क में वृद्धि के माध्यम से साझा समृद्धि के रिश्ते चाह रहा है।
विदेश मंत्री ने कहा कि म्यामां के साथ भारत फिर से स्वाभाविक आर्थिक भागीदारी स्थापित करने के लिए प्रयासरत है। साथ ही वह दक्षिण पूर्व एशिया में ऐसे रिश्ते चाहता है जिनके साथ नयी दिल्ली की सुदृढ़ और परिपक्व आर्थिक वचनबद्धता हो। उन्होंने कहा ‘हम मजबूत आर्थिक संबंध तैयार कर रहे हैं और चीन के साथ परिष्कृत बाजार तक पहुंच चाहते हैं। पश्चिम एशिया में हमारा निर्यात यहां से हो रहे आयात की तुलना में तेजी से बढ़ा है।’
कृष्णा ने कहा ‘मध्य एशिया से गैस दक्षिण एशिया लाने की कल्पना हकीकत में बदल रही है, लेकिन इस क्षेत्र के साथ हमारा जुड़ाव हाइड्रोकार्बन के अलावा भी होगा।’ अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने पिछले साल चेन्नई में पहली बार, नए रेशम मार्ग की अपनी अवधारणा से दक्षिण और मध्य एशिया के आर्थिक एकीकरण की बात कही थी और तब से वह इस पर जोर भी दे रही हैं।
कृष्णा ने कहा ‘ऑस्ट्रेलिया से अफ्रीका तक हमारा कारोबार खनिज और उर्जा के नए स्रोत तलाश रहा है लेकिन हम खुद को खास तौर पर अफ्रीका में उद्योग, अवसंरचना और मानव संसाधन के विकास में भागीदार के तौर पर देखते हैं।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 13, 2012, 08:27