Last Updated: Sunday, September 4, 2011, 06:45
नई दिल्ली. विपक्षी पार्टी भाजपा भले हीं सोनिया गांधी को सरकार का रिमोट कंट्रोल बताती हो लेकिन अमेरिका ऐसा नहीं सोचता. अमेरिकी राजनयिक रॉबर्ट ओ ब्लेक ने कांग्रेस के सूत्रों के हवाले से लिखा था कि सरकार के कामकाज में सोनिया की भूमिका नगण्य है.
यह खुलासा हुआ है खोजी वेबसाइट विकीलीक्स के ताजा गोपनीय अमेरिकी केबल से. अमेरिकी राजनयिक ने 6 अप्रैल,2005 को लिखे संदेश में कहा था कि सोनिया ने जानबूझकर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करने वाली नेता की छवि बनाई और कांग्रेसी सभ्यता का भरपूर फायदा उठाया. वह एक ऐसे कोर ग्रुप से घिरी हुई हैं जो उन्हें सलाह देता है और उन्हें आलोचकों के हमले से बचाता भी है.
राजनयिक ब्लेक का दावा है कि गांधी परिवार इसका कभी खुलासा नहीं करता कि कोर ग्रुप में कौन से लोग हैं जो सोनिया को सलाह देते हैं. ब्लेक ने भाजपा के उन आरोपों का हवाला दिया है जिसमें कहा जाता है कि सोनिया गांधी सरकार की कमान अपने पास रखती हैं. राजनयिक का सूत्रों के हवाले से दावा है कि सोनिया और मनमोहन की भूमिकाएं तय हैं. ईमानदार छवि के पीएम सरकार की कमान संभाले हैं वहीं सोनिया कांग्रेस पार्टी पर नजर रखने और गठबंधन सरकार को चलाने के पर नजर रखती हैं.
अमेरिकी राजनयिक के मुताबिक सोनिया गांधी के तीन मुख्य सलाहकार हैं- अहमद पटेल, अंबिका सोनी और जयराम रमेश. ये लंबे समय से गांधी परिवार से जुड़े हैं. पार्टी के अंदरुनी सूत्रों का कहना है कि अंबिका सोनी का कद बढ़ता जा रहा है और वह उन लोगों में शामिल हैं जिनपर सोनिया सबसे ज्यादा भरोसा करती हैं. रमेश को विचारक और शब्दों का जादूगर माना जाता है जो गांधी का भाषण तैयार करते हैं.
सूत्रों ने अहमद पटेल को कमतर आंका जो पहले अपने कौशल के लिए जाने जाते थे और सोनिया के हर फैसले के पीछे उनका ही हाथ माना जाता था.
पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह और कृषि मंत्री शरद पवार बेहद महत्वाकांक्षी हैं और पीएम बनने का ख्वाब देखते हैं . विकीलीक्स के गोपनीय संदेशों के मुताबिक इस टीम में अर्जुन सिंह भी शामिल थे. कोर ग्रुप के अलावा सोनिया के आसपास एक और घेरा है जिसमें वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी जैसे नेता शामिल हैं. इन नेताओं का गांधी परिवार से लंबा जुड़ाव रहा है और सोनिया गांधी से कभी भी सीधे मिलते हैं.
अमेरिका राजनयिक ने मुखर्जी ने इस ग्रुप में सबसे सीनियर नेता माना है और इनके बारे में भी कहा है कि वह एक दिन पीएम बनने का उम्मीद पाले बैठे हैं. कांग्रेस और सोनिया गांधी को लेकर अमेरिका की यह राय छह साल पुरानी है पर अमेरिका के अधिकारियों का कांग्रेस अध्यक्ष के प्रति सोच का पता चलता है.
First Published: Sunday, September 4, 2011, 13:15