Last Updated: Monday, October 17, 2011, 12:49
नई दिल्ली: भारत की कम्युनिष्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के शीर्ष नेताओं ने पश्चिम बंगाल और केरल जैसे अपने गढ़ में हाल के चुनावों में करारी शिकस्त खाने के बाद बदली परिस्थितियों के अनुरूप अपनी विचारधारा को समसामयिक बनाने के लिए एक मसौदे पर सोमवार को चर्चा की। यह कवायद करीब दो दशक बाद शुरू की जा रही है।
पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने एक बार फिर माकपा पोलित ब्यूरो की अहम बैठक में हिस्सा नहीं लिया। विमान बोस ने बैठक में उनकी अनुपस्थिति का कारण बीमारी को बताया।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में पोलित ब्यूरो के वरिष्ठ सदस्य सीताराम येचुरी ने मसौदा पेश किया जिसपर सदस्यों ने चर्चा शुरू की। सूत्रों ने बताया कि पोलित ब्यूरो द्वारा मसौदे को अंतिम रूप दिए जाने के बाद विस्तृत चर्चा के लिए इसे केंद्रीय समिति के समक्ष पेश किया जाएगा। केंद्रीय समिति इसके बाद दस्तावेज पर चर्चा करेगी।
अगले साल होने वाली पार्टी कांग्रेस में अपनाने के लिए एक नया राजनैतिक-वैचारिक मसौदा तैयार किया जाएगा। यह सोवियत संघ के पतन के बाद 19 साल पहले 14 वीं पार्टी कांग्रेस में की गई कवायद की पुनरावृत्ति होगी।
येचुरी ने कहा कि पोलित ब्यूरो मसौदा वैचारिक दृष्टिकोण तैयार करने की कवायद शुरू कर रहा है ताकि बदलते वक्त के अनुसार इसे ढाला जा सके। माकपा ने सोवियत संघ के पतन के बाद 1992 के पार्टी कांग्रेस में नया वैचारिक दृष्टिकोण अपनाया था। येचुरी ने यहां संवाददाताओं से कहा, विगत 20 वर्षों में दुनिया काफी बदल चुकी है। हम भूमंडलीकरण और उदारीकरण से गुजरे हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 17, 2011, 18:57