विज्ञान के क्षेत्र में चीन ने पछाड़ा : पीएम - Zee News हिंदी

विज्ञान के क्षेत्र में चीन ने पछाड़ा : पीएम

भुवनेश्वर : विज्ञान के क्षेत्र में भारत का ओहदा चीन द्वारा हथिया लिए जाने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि वैज्ञानिक अनुसंधान पर खर्च को सकल घरेलू उत्पाद के कम से कम दो प्रतिशत तक बढ़ाया जाना चाहिए और इसमें उद्योगों का अधिक योगदान होना चाहिए।

 

आईआईटी परिसर में 99वीं इंडियन साईंस कांग्रेस का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जहां तक संसाधनों का सवाल है, अनुसंधान और विकास पर सकल घरेलू उत्पाद का जो हिस्सा खर्च किया जाता है वह बहुत ही कम है। पिछले कुछ दशकों में विज्ञान के क्षेत्र में भारत की स्थिति में गिरावट आई है और चीन जैसे देशों ने हमें पीछे छोड़ दिया है। चीजें बदल रही हैं और हम अपनी उपलब्धियों पर संतुष्ट होकर नहीं बैठ सकते। हमें भारतीय विज्ञान का भाग्य बदलने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है।’

 

उन्होंने कहा कि 12वीं योजना अवधि के अंत तक अनुसंधान और विकास पर खर्च किया जाने वाला धन सकल घरेलू उत्पाद का दो प्रतिशत करने का लक्ष्य होना चाहिए, जो इस समय 0.9 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, ‘ऐसा तभी जो सकता है, जब उद्योग इस क्षेत्र में अपना योगदान बढ़ाएं। आज अनुसंधान और विकास के कुल खर्च का एक तिहाई उद्योग द्वारा दिया जाता है। मेरा मानना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठान और खास तौर से इंजीनियरिंग क्षेत्र को इस विस्तार में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए।’

 

प्रधानमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि सरकार सुपरकंप्यूटिंग में राष्ट्रीय क्षमता और सामथ्र्य निर्माण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इसे भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलूर द्वारा तकरीबन 5000 करोड़ रूपए की लागत से कार्यान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के थेनी में 1350 करोड़ रूपए की लागत से एक न्यूट्रिनो आब्जर्वेटरी स्थापित करने का भी प्रस्ताव है ताकि ब्रह्मांड की रचना करने वाले मौलिक तत्वों का अध्ययन किया जा सके। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, January 3, 2012, 14:37

comments powered by Disqus