Last Updated: Wednesday, July 17, 2013, 20:31
नई दिल्ली : सरकार ने विवाह कानूनों को महिलाओं के और अधिक अनुकूल बनाने के उद्देश्य से मंत्रीसमूह द्वारा की गयी सिफारिशों को मंजूरी दे दी । सूत्रों ने बताया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने विवाह कानून संशोधन विधेयक को लेकर मंत्रीसमूह की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया ।
मंत्रीसमूह से यह तय करने को कहा गया था कि यदि किसी महिला का तलाक इस आधार पर होता है कि कभी तलाक की स्थिति को सुधारा नहीं जा सकता तो क्या कोई अदालत ऐसी महिला को उसके पति की पैतृक संपत्ति में उचित मुआवजा दे सकती है ।
विवाह कानून संशोधन विधेयक पर विचार के लिए गठित मंत्रीसमूह से यह भी कहा गया था कि वह तय करे कि क्या यदि पति पत्नी में से कोई एक परस्पर सहमति से तलाक का संयुक्त आवेदन नहीं करता तो क्या कोई न्यायाधीश अपने विवेक से फैसला कर सकता है ।
विधेयक में पति की खुद की खरीदी गयी संपत्ति में तलाकशुदा महिला को हिस्सा मिलने का प्रावधान है । रक्षा मंत्री ए के एंटनी की अध्यक्षता वाले मंत्रीसमूह की बैठक में एक नये अनुच्छेद 13 एफ पर चर्चा की गयी ।
इसमें कहा गया है कि यदि पैतृक संपत्ति का विभाजन नहीं किया जा सकता तो संपत्ति में पति की हिस्सेदारी का आंकलन करके महिला को उचित मुआवजा मिलना चाहिए । मुआवजे की राशि वही अदालत तय करेगी, जो तलाक के मामले की सुनवाई कर रही है । (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 17, 2013, 20:31