Last Updated: Tuesday, September 18, 2012, 18:28
नई दिल्ली : भारत सहित दुनिया के 30 से अधिक देशों में 40 करोड़ से ज्यादा लोगों द्वारा बोली-समझी जाने वाली हिन्दी का प्रसार करने तथा हिन्दी भाषियों का आपसी संपर्क बढ़ाने के प्रयास क्रम को आगे बढ़ाते हुए इस बार महात्मा गांधी की कर्म भूमि रहे दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सर्ब में नौवां विश्व हिन्दी सम्मेलन 22 से 24 सितंबर को आयोजित होगा।
यह सम्मेलन वहां सैंडटन कन्वेशन सेन्टर में आयोजित होगा जिसे तीन दिन के लिए ‘‘गांधी ग्राम’’ का नाम दिया जाएगा। इस सम्मेलन का उद्घाटन भारत और दक्षिण अफ्रीका संयुक्त रूप से करेंगे।
सम्मेलन में विश्व भर से लगभग 700 प्रतिनिधि भाग लेंगे जिनमें गैर हिन्दी भाषी ‘हिन्दी विद्वान’ शामिल हैं। विदेश विभाग के संयुक्त सचिव अनूप मुदगल ने बताया कि इन प्रतिनिधियों में से तकरीबन 400 प्रतिनिधि खुद के खर्च पर इस सम्मेलन में भाग लेंगे जो उनके हिन्दी प्रेम को दर्शाता है।
विश्व हिन्दी सम्मेलन की शुरूआत 1975 में नागपुर से हुई थी। उसके बाद मारीशस, ट्रिनिडाड एवं टुबैगो, लंदन, सूरीनाम तथा न्यू यार्क में ऐसे सम्मेलन हुए। बीच में दो सम्मेलन नयी दिल्ली में भी आयोजित हुए। इनमें से कम से कम चार सम्मेलनों में संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप स्थान दिलाया जाने संबंधी प्रस्ताव पारित हुए।
हिन्दी के अभी तक संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा नहीं बना पाने का कारण पूछे जाने पर मुदगल ने कहा कि इस सिलसिले में भारत के प्रयासों में कहीं कोई कमी नहीं है। यह एक लंबी प्रक्रिया है। आठवां विश्व हिन्दी सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में ही आयोजित करके इस मुहिम को विश्व संस्था की दहलीज़ तक ले जाया गया है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 18, 2012, 18:28