Last Updated: Thursday, July 12, 2012, 17:08

नई दिल्ली : विश्व भारती विश्वविद्यालय ने पाठ भवन के कराबी छात्रावास की छात्रा के साथ वार्डन के अभद्र आचरण पर गहरा खेद व्यक्त किया है जिसके करण पीड़िता को सदमे की स्थिति का सामना करना पड़ा।
विश्वविद्यालय ने बुधवार को जारी अपने बयान में कहा कि विश्व भारती ने अपवाद स्वरूप छात्रावास में छात्रा को केवल दिन में रूकने की छूट दी है। विश्व भारती छात्रा पुनीता सिंह (और भवन के बच्चों के अभिभावकों) को आश्वस्त करती है कि ऐसी घटना भविष्य में नहीं दोहरायी जायेगी।
‘विश्व भारती पुनीता के अभिभावकों से आग्रह करती है कि वे अपनी बच्ची को संस्थान भेजे।’ विश्व भारती ने स्कूल के छात्रावासों में वर्षों से चले आ रहे वार्डनमैट्रान की व्यवस्था पर नये सिरे से विचार करने का निर्णय किया है ताकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस केंद्रीय संस्थान की स्थिति को बेहतर बनाया जा सकें।
विश्वविद्यालय ने कहा कि संस्थान गुरू रवींद्रनाथ टैगोर के उच्च आदशरे को आगे बढ़ाते हुए समग्र एवं मानवता पर आधारित शिक्षा के प्रसार को प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि शांति निकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय में कराबी महिला छात्रावास की वार्डन उमा पोद्दार पर आरोप है कि उसने 10 साल की लड़की को कथित तौर पर खुद का मूत्र पीने के लिए विवश किया क्योंकि इस बच्ची ने बिस्तर गीला कर दिया था। (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 12, 2012, 17:08