Last Updated: Thursday, January 24, 2013, 22:17
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने आज तमिलनाडु सरकार से कमल हासन की फिल्म ‘विश्वरूपम’ के प्रदर्शन पर पाबंदी के फैसले पर फिर से विचार करने का सुझाव देते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने एक फैसले में कहा था कि इस तरह के मामलों में सेंसर बोर्ड के विचार सभी के लिए बाध्यकारी हैं।
सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने इसके लिए उच्चतम न्यायालय में प्रकाश झा के मामले का उल्लेख किया। तिवारी ने यहां कहा, ‘उच्चतम न्यायालय बहुत स्पष्ट था कि अनुच्छेद-246 की सातवीं अनुसूची की सूची एक, प्रविष्टि छह केंद्र सरकार को फिल्मों के प्रदर्शन का प्रमाणन करने का अधिकार देती है और जब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने कोई रुख अख्तियार किया है तो यह राज्य के अन्य सभी अधिकारियों के लिए बाध्यकारी है।’
तिवारी ने तमिलनाडु सरकार से कहा कि मामले में कार्रवाई से पहले शीर्ष अदालत के पूर्ववर्ती फैसले का अध्ययन करें। उन्होंने कहा, ‘मेरा सुझाव है कि तमिलनाडु सरकार प्रकाश झा मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को सही से पढ़े और उसके बाद किसी नतीजे पर पहुंचे।’ तमिलनाडु सरकार ने कल कमल हासन की बड़े बजट की इस फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी थी। कुछ मुस्लिम संगठनों ने फिल्म में समुदाय का नकारात्मक चित्रण होने का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ प्रदर्शन किए थे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 24, 2013, 22:17