विस्‍फोट के बाद पनडुब्बी INS सिंधुरक्षक डूबी, सभी 18 नौसैनिकों के मरने की आशंका

विस्‍फोट के बाद पनडुब्बी INS सिंधुरक्षक डूबी, सभी 18 नौसैनिकों के मरने की आशंका

विस्‍फोट के बाद पनडुब्बी INS सिंधुरक्षक डूबी, सभी 18 नौसैनिकों के मरने की आशंकामुंबई: भारतीय नौसेना की एक पनडुब्बी में मंगलवार रात विस्फोट होने के बाद आग लग गई और वह डूब गई। पनडुब्बी में सवार तीन अधिकारियों समेत 18 जवानों के मारे जाने की आशंका है।

आईएनएस सिंधुरक्षक हादसे को एक ‘आपदा’ करार देते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल डी के जोशी ने संकेत दिया कि पनडुब्बी पर सवार 18 नौसेना कर्मियों के जीवित होने की उम्मीद कम है। पनडुब्बी यहां नौसना गोदी में विस्फोट के बाद डूब गई थी। उन्होंने पश्चिमी नौसेना कमान मुख्यालय में कहा कि हम बेहतर की उम्मीद कर रहे हैं और बदतर के लिए तैयार हैं। उन्होंने हालांकि कहा कि तीन अन्य नौसेना कर्मी, जो हादसे के समय पनडुब्बी के उपरी हिस्से में थे, बच गए हैं। उन्हें सिर्फ मामूली जख्म आए हैं। उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

उनसे जब पनडुब्बी पर सवार तीन अधिकारियों सहित 18 अन्य कर्मियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि चमत्कार होते हैं। शायद कहीं से हवा जाने का रास्ता बचा हो या वे सांस ले सकने लायक जगह तक पहुंच गए हों। एक सवाल के जवाब में नौसेना प्रमुख ने तोड़फोड़ की आशंका से इंकार नहीं किया, लेकिन साथ ही कहा कि इस समय जो संकेत मिल रहे हैं वह ऐसी किसी बात का समर्थन नहीं करते।

नौसेना प्रमुख ने बताया कि 18 नौसेना कर्मियों में से दो अधिकारी और छह नौसेनिक विवाहित थे। उन्होंने कहा कि पनडुब्बी में पिछले साल रूस में व्यापक मरम्मत कार्य किया गया था और उसके बाद यह 1000 से अधिक घंटे तक संचालन कर चुकी है।

जब एडमिरल जोशी से फरवरी, 2010 में विशाखापत्तनम में भी पनडुब्बी के साथ इस तरह का हादसा होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘दोनों घटनाओं में कोई संबंध नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘हम यह बताने में असमर्थ हैं कि किस वजह से यह हुआ होगा।’ नौसेना प्रमुख ने कहा कि आग लगने से पहले एक कम तीव्रता का विस्फोट हुआ था। फोरेंसिक साक्ष्य जुटाये जा रहे हैं।

जोशी ने कहा कि पनडुब्बी पर सवार तीन अन्य जवान सुरक्षित बच गये जो उसके अंदर नहीं थे लेकिन वह इतने सदमे में हैं कि बयान नहीं दे सके। उन्होंने कहा कि गोताखोर लापता लोगों की तलाश में लगे हैं लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। इससे पहले रक्षा मंत्री एंटनी के साथ मौके पर गये मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि राज्य सरकार ने जे जे अस्पताल को घायलों के उपचार के लिए तैयार रहने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने इस विपदा की स्थिति में महाराष्ट्र सरकार की ओर से नौसेना प्रमुख और इस घटना का शिकार हुए जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, August 14, 2013, 16:44

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