Last Updated: Friday, August 9, 2013, 20:29
लखनऊ : विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने केंद्र सरकार को आगाह करते हुए कहा है कि यदि वर्तमान मानसून सत्र के दौरान संसद में कानून बनाकर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त नहीं किया गया तो आने वाले समय में मंदिर निर्माण को लेकर एक बड़ा और निर्णायक आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रकाश शर्मा ने कहा कि सरकार इसी सत्र में राम मंदिर का हल निकाले नहीं तो विहिप निर्णायक कदम उठाने के लिए मजबूर होगा। शर्मा ने कहा, विहिप के संत भी इस सिलसिले में 30 जून को ही राष्ट्रपति से मिलकर इसका आग्रह कर चुके हैं। मिलने वालों में राम जन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, विहिप के अध्यक्ष अशोक सिंघल, दयानंद सरस्वती सहित कई संत शामिल थे।
उन्होंने कहा कि 14 सितंबर, 1994 को केंद्र सरकार की ओर से ही यह हलफनामा दिया गया था कि यदि यह बात साबित हो जाती है कि वहां पहले भी मंदिर रहा है तो उसका सर्वमान्य हल निकाल कर मंदिर निर्माण का प्रयास किया जाएगा। बाबरी ढांचे के विध्वंस के बाद भी एक श्वेत पत्र जारी कर यही बात कही गई थी।
बकौल शर्मा, इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद यह साबित हो गया है कि वहां पहले भी मंदिर रहा है। जांच के दौरान भी वहां मंदिर के अवशेष पाए गए हैं। इस लिहाज से सरकार को अब आगे आकर मानसून सत्र के दौरान कानून बनाना चाहिए ताकि हिंदुओं के आस्था के केंद्र राम मंदिर का निर्माण हो सके। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 9, 2013, 20:29