Last Updated: Saturday, March 17, 2012, 07:36
चेन्नई : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को इस बात के प्रति आश्वस्त किया कि राज्य सरकार को श्रीलंकाई विशिष्टजनों की यात्रा के बारे में पहले ही सूचित कर दिया जाएगा । प्रधानमंत्री ने जयललिता को लिखे गए एक पत्र में कहा है कि मैं अपने अधिकारियों को उस वक्त आपके विचार ध्यान में रखने के बारे में कह रहा हूं जब वे भविष्य में ऐसी यात्राओं के मामले देखें। उनसे ऐसी यात्राओं से संबंधित सूचनाएं तमिलनाडु को पहले ही देने के लिए कहा गया है।
प्रधानमंत्री ने जयललिता की ओर से उन्हें सात मार्च को लिखे गए खत के जवाब में यह पत्र लिखा है। अपने पत्र में जलललिता ने केंद्र सरकार से कहा था कि श्रीलंकाई विशिष्टजनों की तुरंत-तुरंत हो रही तमिलनाडु यात्रा पर रोक लगाई जाए क्योंकि स्थानीय लोग तमिल मुद्दे पर श्रीलंका सरकार के रवैये से काफी नाराज हैं।
जयललिता ने पत्र में यह भी लिखा था कि श्रीलंकाई विशिष्टजनों को राज्य सरकार की सहमति के बाद ही तमिलनाडु का दौरा करने की इजाजत दी जाए। उन्होंने श्रीलंकाई विशिष्टजनों के राज्य सरकार को सूचित किए बिना तमिलनाडु के निजी दौरे पर आने की बात को रेखांकित करते हुए कहा था कि वह राज्य से विचार-विमर्श करने के बाद ही ऐसी यात्राओं की इजाजत दिए जाने की पक्षधर हैं।
जयललिता ने पत्र में लिखा था कि जैसा कि आप जानते हैं कि श्रीलंकाई तमिलों और उनके अधिकारों के मामलों से निपटने के श्रीलंका सरकार के रवैये से तमिलनाडु के लोग काफी नाराज हैं। अपने पत्र में जयललिता ने हाल के दिनों में श्रीलंकाई विशिष्टजनों के तमिलनाडु दौरे का भी हवाला दिया था। पत्र में श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के साले तिरुकुमारन नटेसन के हालिया रामेश्वरम दौरे की बाबत आपत्ति दर्ज कराई गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि श्रीलंका सरकार या भारत सरकार की ओर से कोई सूचना नहीं होने के कारण किसी तरह का एहतियाती कदम नहीं उठाया जा सका।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, March 17, 2012, 13:06