Last Updated: Wednesday, February 27, 2013, 19:37

नई दिल्ली : अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में कथित तौर पर रिश्वत दिए जाने के मामले को लेकर राज्यसभा में अल्पकालिक चर्चा में रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा कि इस मामले में जो कोई भी जिम्मेदार होगा, उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। एंटनी ने कहा कि उनके मंत्रालय में जब भी इस तरह का कोई विवाद उठता है तो वह शर्मिन्दगी महसूस करते हैं। इससे पहले चॉपर डील की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने के सरकार के प्रस्ताव को आज राज्यसभा ने मंजूरी प्रदान कर दी। हालांकि राजग, तृणमूल, अन्नाद्रमुक, वाम दलों ने इसका विरोध करते हुए सदन से वाक आउट किया।
संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने अगस्तावेस्टलैंड से वीवीआईपी हेलीकाप्टरों की खरीद में कथित तौर पर रिश्वत दिये जाने के आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि जेपीसी इस मामले में सीबीआई द्वारा की जा रही जांच की निगरानी करेगी ताकि मामले का सत्य शीघ्र सामने आ सके। विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि जेपीसी गठित करने से मामले की जांच में और विलंब होगा। उन्होंने कहा कि जेपीसी के पास गिरफ्तारी सहित विभिन्न अधिकारी नहीं होते, इसलिए वह मामले की सच्चाई जल्द सामने ला पायेगी, इसमें संदेह है।
अन्नाद्रमुक नेता वी मैत्रेयन ने कहा कि सरकार इस मामले में जब प्राथमिकी भी दर्ज नहीं कर पायी तो वह जेपीसी गठित करने पर क्यों जल्दबाजी दिखा रही है। जेपीसी गठित करने के विरोध में राजग, तृणमूल, अन्नाद्रमुक, वाम दलों ने इसका विरोध करते हुए सदन से वाक आउट किया। इसके बाद सदन ने जेपीसी गठित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी।
इससे पहले इसी मुद्दे पर हुई अल्पकालिक चर्चा का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा कि सरकार मामले को छिपाने का प्रयास नहीं कर रही है। इस मामले में जो कोई भी जिम्मेदार होगा, उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। एंटनी ने इस मामले की पूरी जांच कराने का आश्वासन देते हुए कहा, ‘हम इस मुद्दे की तह तक जाएंगें।’ उन्होंने कहा कि इस मामले में चाहे कोई भी संलिप्त हो, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उनके मंत्रालय में जब भी इस तरह का कोई विवाद उठता है तो वह शर्मिन्दगी महसूस करते हैं।
उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के संदर्भ में सीबीआई से रिपोर्ट मिलने के बाद हम फिनेमेक्केनिका के साथ हुए इंटेग्रिटी संधि के तहत कठोरतम कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि कंपनी को सरकार ने जो कारण बताओ नोटिस जारी किया था, उसका जो जवाब दिया गया, उस पर हमें कोई भरोसा नहीं है।
एंटनी ने कहा कि रक्षा मंत्रालय के पास जो भी शिकायत आती है, उसकी प्राथमिक जांच की जाती है। इस जांच के नतीजों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाती है। रक्षा मंत्री ने कहा कि उनके कार्यकाल में छह शक्तिशाली कंपनियों को काली सूची में डाला गया है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय के कदमों के कारण ही अभिषेक वर्मा पर कार्रवाई की गयी।
उन्होंने कहा कि सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिक जांच शुरू कर दी है। साथ ही इटली में भी गोपनीय जांच चल रही है। जांच पूरा होने के बाद ही इटली हमारे साथ सूचनाएं साझा करेगा। इसके आधार पर हम कड़ी कार्रवाई कर सकेंगे। एंटनी ने साथ ही यह भी कहा कि इस सौदे का जो भी हश्र हो लेकिन सेना के आधुनिकीकरण के प्रयासों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 27, 2013, 19:37