वोट के बदले नोट:‘हम मामले का भंडाफोड़ करने वाले थे’

वोट के बदले नोट:‘हम मामले का भंडाफोड़ करने वाले थे’

वोट के बदले नोट:‘हम मामले का भंडाफोड़ करने वाले थे’ नई दिल्ली : भाजपा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और पूर्व सांसद महाबीर सिंह भगोरा ने शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि वे मामले का भंडाफोड़ करने वाले थे और उनकी मंशा संसद में ‘सांसदों की खरीद-फरोख्त’ का खुलासा करने की थी।

राज्यसभा सदस्य कुलस्ते और भगोरा के वकील अनिल सोनी ने विशेष न्यायाधीश नरोत्तम कौशल से कहा, ‘हमारी मंशा शुरूआत से ही खरीद-फरोख्त का खुलासा करने की थी और दिल्ली पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र की समूची सामग्री दर्शाती है कि यह एक स्टिंग था।’

उन्होंने यह भी दावा किया कि अमर सिंह ने कांग्रेस नेता अहमद पटेल को फोन कॉल किया था। पटेल ने कथित तौर पर कहा था कि धन की व्यवस्था हो जाएगी।

उनके बार-बार अनुरोध करने के बावजूद पुलिस ने उन्हें अमर सिंह, पटेल और अभियोजन पक्ष के तीन गवाहों एस पी गुप्ता, लवली सिंह और अमन अरोड़ा के फोन कॉल का विवरण नहीं दिया। उन्होंने अब तक कॉल का विवरण नहीं दिया है। उन्होंने अब तक कॉल का विवरण भी नहीं जुटाया है।

अदालत साल 2008 के नोट के बदले वोट घोटाले में आरोप तय किए जाने के लिये दलीलों पर सुनवाई कर रही थी। इसमें विश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले सांसदों का रिश्वत दी गई थी। इस मामले में समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह, भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के पूर्व सहायक सुधींद्र कुलकर्णी, भाजपा सांसद अशोक अर्गल, सुहैल हिंदुस्तानी और अमर सिंह के पूर्व सहायक संजीव सक्सेना आरोपी हैं।

कुलस्ते और भगोरा ने कहा, ‘अवैध रूप से परितोषण हासिल करने का विचार नहीं था बल्कि सांसदों की खरीद-फरोख्त को सार्वजनिक करना था।’ आरोप तय किए जाने पर कल दलील शुरू करते हुए सॉलीसीटर जनरल मोहन परासरण ने कहा था कि बचाव पक्ष की यह दलील सही नहीं है कि समूचा प्रकरण स्टिंग है।

उन्होंने कहा था कि अगर स्टिंग करने की मंशा होती तो सांसदों ने कानून लागू करने वाली एजेंसियों को सूचित किया होता और आरोपियों की स्टिंग करने और अवैध कृपादृष्टि हासिल करने का दोहरा उद्देश्य था।

सभी आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश के लिए मामला दर्ज किया गया है।

मामला 2009 में संसदीय समिति की सिफारिश पर दर्ज किया गया था। उसने इस मामले की जांच की थी।

मामले में पहला आरोप पत्र अगस्त 2011 में दायर किया गया था जिसमें अर्गल को छोड़कर सभी को आरोपी के तौर पर नामजद किया गया था। पुलिस ने अमर सिंह और कुलकर्णी को साजिश रचने और लोकसभा में 22 जुलाई 2008 को विश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले कुछ सांसदों को रिश्वत देने के घोटाले का मुख्य सरगना होने का आरोप लगाया गया था। (एजेंसी)

First Published: Saturday, April 27, 2013, 19:04

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