शत्रु संपत्ति विधेयक नामंजूर - Zee News हिंदी

शत्रु संपत्ति विधेयक नामंजूर




नई दिल्ली : पाकिस्तान जाकर बसे लोगों के कानूनी उत्तराधिकारियों को भारत में उनकी संपत्ति का हक देने संबंधी विवादास्पद विधेयक को संसद की स्थायी समिति ने सर्वसम्मति से नामंजूर कर दिया है। समिति ने सरकार से कहा है कि वह नया विधेयक तैयार करे।

 

गृह मंत्रालय से संबंधित स्थाई समिति ने कहा कि शत्रु संपत्ति कानून 1968 में प्रस्तावित संशोधन से संबद्ध इच्छुक लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में विफल है । इस समिति के अध्यक्ष भाजपा नेता एम वेंकैया नायडू हैं।

 

राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को गुरुवार को सौंपी गई समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति महसूस करती है कि करोड़ों रूपये की शत्रु संपत्ति उन लोगों के हाथ में नहीं जानी चाहिए, जिनका उस पर वैधानिक दावा नहीं है।

 

सरकार ने 1968 में एक कानून के जरिए बंटवारे के दौरान पाकिस्तान जाकर बस गये लोगों की भारत में छूटी संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित किया। सरकार के इस कानून में संशोधन करने के प्रयास के बाद शत्रु संपत्ति का मुद्दा हाल ही में सुखिर्यों में आया। कई मंत्रियों सहित अलग-अलग पार्टियों के मुस्लिम सांसदों के लगातार आग्रह के बाद सरकार को अब इस कानून में और संशोधन करना चाहिए, जो सुनिश्चि़त करेगा कि पाकिस्तान जाकर बसे कानूनी उत्तराधिकारियों को अपने माता-पिता या दादा-दादी की संपत्ति पर कब्जा सुनिश्चित हो।

 

समिति ने मशहूर वकील राम जेठमलानी की राय पर भी संज्ञान लिया है, जिन्होंने कहा है कि जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी हो तो उसके उत्तराधिकारी को वह संपत्ति मिलनी चाहिए जिसका स्वामी मरने वाला व्यक्ति था। समिति ने कहा कि ऐसी विचित्र स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे लगता है कि पूरा मुद्दा पेचीदा हो गया है। अध्यादेश और पहला विधेयक कम से कम कुछ इच्छुक व्यक्तियों की आकांक्षाओं को पूरा करता था। हालांकि दूसरा विधेयक इच्छुक लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिहाज से पूरी तरह विफल है।

 

समिति ने सर्वसम्मति से महसूस किया कि सरकार को नया विधेयक संसद में लाना चाहिए। सदस्यों ने इस बात पर भी संज्ञान लिया कि पाकिस्तान ने काफी पहले ही भारतीयों की संपत्ति पर कब्जा लेकर समझौते का उल्लंघन करते हुए उन संपत्तियों को बेच दिया।

 

समिति ने यह भी कहा कि एक समयबद्ध योजना तैयार की जानी चाहिए और शत्रु संपत्तियों की पहचान करने की प्रक्रिया भी निर्धारित समय के भीतर पूरी होनी चाहिए। सदस्यों ने उत्तर प्रदेश सरकार की राय पर भी संज्ञान लिया है, जिसने कहा कि विधेयक असंवैधानिक है। समिति ने महसूस किया कि यह एक गंभीर विश्लेषण है, जिसकी भलीभांति समीक्षा होनी चाहिए।

कुल 2186 शत्रु संपत्तियों में से 1468 उत्तर प्रदेश में, 351 पश्चिम बंगाल, 66 दिल्ली, 63 गुजरात, 40 बिहार, 35 गोवा, 25 महाराष्ट्र, 24 केरल, 21 आंध्र प्रदेश और 93 अन्य राज्यों में हैं। (एजेंसी)

First Published: Thursday, November 3, 2011, 18:36

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