शराबी चालक को जेल नहीं मंदिर की सजा

शराबी चालक को जेल नहीं मंदिर की सजा

नई दिल्ली : शराब के नशे में ट्रक चलाने के दोषी व्यक्ति को अदालत ने जेल भेजने की बजाय दो महीने तक सप्ताह में एक दिन मंदिर में सामुदायिक सेवा करने का आदेश दिया है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेन्द्र भट ने उत्तर प्रदेश निवासी ट्रक ड्राइवर फूल राम को बीस दिन की कैद की सजा सुनाने का आदेश निरस्त करते हुए कहा कि उसे जेल भेजने से उसकी नौकरी और घर परिवार पर असर पड़ेगा। अदालत ने कहा, ‘अपीलकर्ता फूलराम 30 साल का युवक है और निजी क्षेत्र में नौकरी करता है। अपने परिवार की देखभाल करने वाला वह अकेला ही है। इसलिए इस समय उसे जेल भेजने से न सिर्फ उसके भविष्य में नौकरी पर बदनुमा दाग लग जाएगा बल्कि इससे उसका परिवार भी प्रभावित होगा।’

अदालत ने राम को प्रोबेशन पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा कि उसे दो महीने तक सप्ताह में एक बार झंडेवालान के निकट स्थित मां कात्यायनी मंदिर में सामुदायिक सेवा करनी होगी। फूलराम ने मजिस्ट्रेट की अदालत के 26 अक्तूबर के आदेश को चुनौती दी थी। फूलराम को दक्षिण पश्चिम दिल्ली इलाके में नशे की हालत में ट्रक चलाते पकड़ा गया था। अदालत ने उसे 20 दिन की कैद की सजा के साथ ही उस पर 4600 रुपए का जुर्माना भी किया था। फूलराम के वकील ने अदालत से कहा कि इस घटना के बाद से उनके मुवक्किल को सबक मिल गया है और अब वह ऐसी हरकत नहीं करेगा। (एजेंसी)

First Published: Sunday, December 9, 2012, 12:20

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