शहीदों के परिजनों ने वापस लिए वीरता पुरस्कार

शहीदों के परिजनों ने वापस लिए वीरता पुरस्कार

नई दिल्ली : संसद पर 13 दिसंबर 2001 में हुए आतंकी हमले का मुकाबला करते शहीद हुए आठ सुरक्षाकर्मियों को मिले वीरता पदकों को उनके परिजनों ने आज वापस ले लिया। अफजल गुरु को फांसी दिए जाने में विलंब के विरोध में उन्होंने ये पदक लौटा दिए थे।

संसद पर आतंकी हमले की साजि़श में शामिल अफजल को पिछले महीने फांसी दे दिए जाने पर शहीदों के परिजनों ने 13 दिसंबर 2006 को राष्ट्रपति भवन को लौटा दिए गए ये पदक आज वापस ले लिए। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने एक सादा आयोजन में उन्हें ये पदक वापस दिए।

हमले में शहीद हुई सीआरपीएफ की सिपाही कमलेश कुमारी की बेटी श्वेता सिंह ने कहा, ‘आज मैं यहां अपनी मां के लिए आई हूं और अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के लिए मैं राष्ट्रपति की आभारी हूं, जिन्होंने उसकी दया याचिका को ठुकरा दिया। इससे मेरी मां की शहादत को सम्मान मिला है।’

दिल्ली पुलिस के सिपाही शहीद विजेन्द्र सिंह की पत्नी, जयवंती ने कहा, ‘संसद पर हमला करने में शामिल लोगों को सज़ा दिए जाने से अधिक मैं सरकार से कुछ नहीं चाहती थी। ये बहुत राहत की बात है और इससे मेरे पति की शहादत को उचित सम्मान मिल गया।’ शहीदों के परिजनों के साथ राष्ट्रपति भवन गए आतंक-रोधी मंच के अध्यक्ष एम.एस. बिट्टा ने कहा कि वीरता पदकों को वापस दिए जाने के लिए वह राष्ट्रपति के आभारी हैं।

बिट्टा ने राष्ट्रपति से यह आग्रह भी किया कि वह अन्य सभी दया याचिकाओं को खारिज कर दें, खासकर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारों की याचिकाओं को। हमले में शहीद हुए कमलेश कुमारी, एम. एस. नेगी और जे. पी. यादव के परिजनों ने अशोक चक्र तथा पांच अन्य शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों ने कीर्ति चक्र लौटा दिए थे।

कीर्ति चक्र से सम्मानित होने वाले शहीदों में दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर घनश्याम और नानक चंद, सहायक सब इंस्पेक्टर रामपाल और हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश तथा विजेन्द्र सिंह हैं। संसद पर हमले की साजिश में शामिल अफजल गुरू को इस साल नौ फरवरी को तिहाड़ जेल में फांसी के फंदे पर लटका दिया गया था। (एजेंसी)

First Published: Saturday, March 30, 2013, 18:12

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