Last Updated: Friday, February 22, 2013, 21:20

ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी
नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने संसद के दोनों सदनों में हैदराबाद में गुरुवार को हुए बम विस्फोटों के बारे में स्वत: दिए गए बयान और इस पर मांगे गए स्पष्टीकरण के जवाब में कहा कि विस्फोट की साजिश रचने वालों और इसे अंजाम देने वालों को पकडने के प्रयास जारी हैं और सरकार सुनिश्चित करेगी कि दोषियों को कानून के मुताबिक सजा मिले। वहीं, शिंदे ने राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) के गठन पर जोर दिया और सभी दलों से इसके लिए सहयोग मांगा।
खासतौर पर शिंदे ने इस बात का जिक्र किया कि केंद्र हमेशा एनसीटीसी के गठन को विशेष इच्छुक रहा है, लेकिन कई राज्यों ने इस मसले पर विरोध किया है। गृह मंत्री ने कहा कि इस मसले को पूरी तरह खारिज करने की बजाय हमें सार्थक बहस करने की जरूरत है।
वहीं, सरकार ने आज दावा किया कि उसके पास हैदराबाद सहित पांच शहरों में आतंकवादी हमले की खुफिया सूचना थी जिनके बारे में संबंधित राज्यों को जानकारी दे दी गई थी। आतंकवाद के मुद्दे पर सरकार पर लचर रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने आज कहा कि केंद्र सरकार हैदराबाद में विस्फोट रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठा सकी।
उन्होंने एनसीटीसी को लेकर कुछ राज्यों के विरोध का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार इस प्रस्तावित एकीकृत आतंकवाद निरोधक संगठन से खुफिया एजेंसियों को अलग रखने के लिए तैयार है। साथ ही वह राज्यों के सुझावों पर अन्य बदलाव के लिए भी तैयार हैं। शिंदे ने कहा कि हमने बेंगलूर, मुंबई, हैदराबाद, कोयंबटूर सहित पांच शहरों के बारे में खुफिया जानकारी दी थी हालांकि इस संबंध में कोई विशिष्ट सूचना नहीं थी।
उन्होंने कहा कि मुंबई आतंकी हमले के दोषी अजमल कसाब और संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के बाद तीन बार एलर्ट भेजे गए थे। शिंदे ने कहा कि उनके पास हैदराबाद विस्फोटों को लेकर कुछ सूचनाएं हैं लेकिन वह उनका सदन में खुलासा नहीं कर सकते क्योंकि जांच प्रभावित हो सकती है। शिंदे ने सीमाओं पर सुरक्षा प्रबंध बढाए जाने, संसद में गैर कानूनी गतिविधियां निवारण कानून पारित करने, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, नेटग्रिड की स्थापना और मल्टी एजेंसी सेंटर को मजबूत करने जैसे सरकार के कदमों के कारण आतंकवादी गतिविधियों में कमी आने की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि 2008 में 10 आतंकवादी हमले हुए जो 2012 तक घटकर मात्र दो रह गए थे।
इससे पूर्व शिंदे ने अपने बयान में कहा कि दोनों विस्फोटों में अब तक 16 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है और 117 अन्य घायल हैं। घायलों में से चार की हालत गंभीर है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि विस्फोट में आईईडी का इस्तेमाल किया गया। शिंदे ने बताया कि राज्य सरकार ने तत्काल 25 एंबुलेंस सहित आपात चिकित्सा प्रतिक्रिया दल तैनात किया। राज्य पुलिस और एनआईए की हैदराबाद इकाई (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की एक टीम तत्काल मौके पर पहुंची और पूरे इलाके को घेरकर साक्ष्य जुटाये। राज्य की फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची।
शिंदे ने कहा कि एनआईए आंध्र प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर मामले की जांच करेगी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने मृतकों में से हर एक के परिजन को दो दो लाख रूपये की सहायता देने का ऐलान किया है जबकि घायलों को पचास पचास हजार रूपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। राज्य सरकार ने मृतकों को छह छह लाख रुपये मुआवजा जबकि घायलों में से प्रत्येक को 50 हजार रूपये से एक लाख रूपये देने का ऐलान किया है। राज्य सरकार घायलों के इलाज का खर्च उठाएगी। शिन्दे ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि सरकार ऐसे आतंकी हमलों से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।
First Published: Friday, February 22, 2013, 21:20