Last Updated: Saturday, March 16, 2013, 15:56

मालदा (पश्चिम बंगाल) : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि शिक्षा क्षेत्र पर ध्यान दिये बिना विकास दर को बरकरार रखना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि ज्यादा युवाओं को विश्व स्तरीय शिक्षा दिलायी जानी चाहिए ताकि भारत के वैज्ञानिक एवं इंजीनियर वैश्विक स्तर पर अपना स्थान हासिल कर सकें।
उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार शिक्षा की ओर विशेष ध्यान दे रही है ताकि आर्थिक विकास को प्रोत्साहन दिया जा सके।
मालदा जिले में गनी खान चौधरी इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नालाजी की आधारशिला रखने के दौरान मनमोहन ने यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘भारत की बढ़ती आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए हमारी सरकार ने शिक्षा क्षेत्र की ओर विशेष ध्यान दिया है। इसके बिना विकास दर को बरकरार रखना मुश्किल है।’
उन्होंने कहा कि हमने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में शिक्षा की हिस्सेदारी को 3.3 प्रतिशत से बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि ज्यादा युवाओं को विश्व स्तरीय शिक्षा मिले जिससे भारतीय वैज्ञानिक एवं इंजीनियर विश्व में अपना स्थान हासिल कर सकें।’ उन्होंने कहा कि शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने नये केन्द्रीय विश्वविद्यालय, आईआईटी, आईआईएम और एनआईआईटी शुरू किये हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद द्वारा की गयी पहल के तहत पांच करोड़ युवाओं में कौशल विकसित करने का अभियान शुरू किया गया है। इस अवसर पर संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एम के नारायणन भी मौजूद थे।
पूर्व रेल मंत्री ए बी ए गनी खान चौधरी को श्रद्धांजलि देते हुए मनमोहन ने कहा कि चौधरी ने क्षेत्र के विकास के लिए काम किया था।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने संस्थान को 26 करोड़ रुपए की मदद दी है। इससे मालदा एवं उसके पड़ोसी क्षेत्रों में शिक्षा एवं रोजगार में मदद मिलेगी।
संस्थान में इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में स्नातक, परास्नातक और प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम चलाये जायेंगे। इनमें खाद्य प्रौद्योगिकी एवं रेशम कीट पालन पर विशेष जोर रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि इसे देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में शामिल किया जाये।’ उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर मदद की पेशकश भी की। (एजेंसी)
First Published: Saturday, March 16, 2013, 15:56