Last Updated: Tuesday, November 22, 2011, 09:12
नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन भाजपा नीत विपक्षी गठबंधन राजग ने चिदंबरम का बहिष्कार किया और उन्हें बोलने नहीं दिया। टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में चिदंबरम के इस्तीफे की मांग करते हुए राजग ने शीतकालीन सत्र के दौरान गृह मंत्री का बहिष्कार करने का निर्णय किया है। राजग ने कल फैसला किया कि चिदंबरम के इस्तीफे तक संसद में उन्हें बोलने नहीं दिया जाएगा।
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार द्वारा प्रश्नकाल शुरू करने के निर्देश के बाद राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह ने बिहार समेत देश में विभिन्न क्षेत्रों में नक्सल समस्या एवं प्रभाव के बारे में प्रश्न पूछा। गृह मंत्रालय से संबंधित इस प्रश्न का उत्तर देने जैसे चिदंबरम खड़े हुए राजग सदस्यों ने इसका जबर्दस्त विरोध किया और उन्हें अपने स्थान पर बैठने को मजबूर होना पड़ा। चिदंबरम सत्ता पक्ष की अगली पंक्ति से प्रश्न का उत्तर देने खड़े हुए जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सदन के नेता प्रणब मुखर्जी बैठे थे। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राज्यसभा में थे।
रघुवंश प्रसाद सिंह ने पूछा था कि क्या बिहार समेत देश के विभिन्न इलाकों में नक्सल प्रभाव में वृद्धि हुई है। नक्सल हिंसा में कितने नागरिक, सुरक्षा बल मारे गए हैं। गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार को घेरने की रणनीति के तहत राजग ने यह निर्णय किया है कि वह गृह मंत्री पी. चिदंबरम का बहिष्कार करेगी और उन्हें संसद में नहीं बोलने देगी।
राजग का कहना है कि टूजी स्पेक्ट्रम मामले में प्रधानमंत्री ने सहयोगी दल के ए. राजा (पूर्व दूरसंचार मंत्री) का इस्तीफा तो ले लिया, लेकिन अपने दल के पी चिदंबरम (पूर्व वित्त मंत्री) का इस्तीफा नहीं लिया। विपक्षी गठबंधन ने कहा कि चिदंबरम के साथ वैसा ही व्यवहार किया जाएगा जैसा कांग्रेस ने जार्ज फर्नांडिस के साथ किया था। राजग शासन के दौरान ताबूत घोटाले को लेकर कांग्रेस ने तत्कालीन रक्षा मंत्री फर्नांडिस का बहिष्कार किया था।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 22, 2011, 14:42