Last Updated: Monday, November 12, 2012, 00:02

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती से मुलाकात हुई। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को लेकर संसद में प्रस्ताव लाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस की योजनाओं पर बसपा के रुख को लेकर मायावती ने हालांकि भ्रम की स्थिति रखी।
मायावती की पार्टी बसपा संप्रग सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है। सिंह ने रविवार को मायावती को दोपहर भोज दिया । कुछ ही दिन पहले प्रधानमंत्री सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को रात्रिभोज दे चुके हैं।
तृणमूल के संप्रग से बाहर होने के बाद सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे दोनों दलों के साथ बैठक को इन दोनों दलों के साथ संबंध मजबूत करने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है।
लोकसभा में सपा के 22 और बसपा के 21 सांसद हैं। बैठक के बाद जब मायावती से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस बयान के बारे में पूछा किया गया कि उनकी पार्टी एफडीआई मुद्दे पर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है तो मायावती ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया।
उन्होंने कहा,‘लखनऊ में नौ अक्तूबर को पार्टी की रैली में मैंने इस बारे में विस्तार से चर्चा की है और हम जो भी कदम उठाएंगे, वह उसी बात को ध्यान में रखकर उठाया जाएगा कि हमने उस रैली में क्या कहा था।’
दोबारा यही सवाल करने पर मायावती ने कहा कि जब ऐसे हालात पैदा होते हैं तब ऐसे सवाल कीजिएगा लेकिन आप पहले से ही जवाब क्यों चाहते हैं।
उन्होंने 10 अक्तूबर को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था,‘मेरी पार्टी के सदस्यों ने मुझे संप्रग को समर्थन देने के मामले में अंतिम फैसला लेने के लिए अधिकृत किया है।’
मायावती ने कहा कि अब तक उन्होंने इस मुद्दे पर कोई विचार नहीं किया है। मायावती ने लोकसभा चुनाव भी निर्धारित समय से पहले होने का संकेत दिया था और पार्टीजनों को इसके लिए तैयार रहने को कहा था।
मायावती ने कहा,‘ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि मैं प्रधानमंत्री से मिल रही हूं, पहले भी कई बार आयी हूं। प्रधानमंत्री ने मुझे दोपहर भोज पर आमंत्रित किया है। हम राजनीति में हैं, हमें दोपहर या रात्रि भोज पर एक -दूसरे से मुलाकात करनी होती है।’
उन्होंने कहा,‘संसद सत्र शुरू होने वाला है लेकिन यह कहना गलत है कि मैं केवल उसी वजह से आई हूं। मैं कई और मौकों पर गई हूं। ऐसा होता रहता है। इसे संसद सत्र से नहीं जोड़ना चाहिए।’
प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा,‘हम सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे हैं। राजनीतिक बैठकें हुआ करती हैं। इसका ज्यादा कुछ अर्थ न लगाएं।’ राकांपा, द्रमुक और रालोद जैसे अन्य घटक दलों के नेताओं के भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की संभावना है।
मायावती के साथ मुलाकात के वक्त जहां उनकी पार्टी के नेता सतीश मिश्रा मौजूद थे, वहीं इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ भी उपस्थित थे। (एजेंसी)
First Published: Sunday, November 11, 2012, 17:00