Last Updated: Sunday, October 21, 2012, 18:20

कोटा : देश में शौचालय से ज्यादा मंदिर होने का बयान देकर विवाद खड़े करने के कुछ ही दिन बाद आज केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने फिर कहा कि महिलाएं उन परिवारों में शादी करने से इनकार करें जहां शौचालय नहीं हैं।
जिले के खजूरी गांव में स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास तथा जल एवं स्वच्छता मंत्री रमेश ने कहा, ‘उस परिवार में शादी नहीं करें जहां शौचालय नहीं है। यानी शौचालय नहीं तो दुल्हन नहीं।’ जिन लोगों को वह संबोधित कर रहे थे उनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। उन्होंने कहा, ‘आप शादी से पहले नक्षत्रों की अनुकूलता जानने के लिए राहु, केतु आदि के बारे में ज्योतिष से पूछते हैं। आप जब शादी का निर्णय कर रहे हों तब आपको यह भी देखना चाहिए कि दुल्हे के घर में शौचालय है कि नहीं।’ बाद में रमेश ने कोटा जिले के एक छोटे शहर सांगौड़ में निर्मल भारत यात्रा के तीसरे संस्करण का शुभारंभ किया।
उन्होंने हरियाणा सरकार द्वारा वहां स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए दिए गए नारे ‘शौचालय नहीं तो दुल्हन नहीं’ का हवाला दिया। रमेश ने अनिता नैरे की कहानी का जिक्र किया जो मध्यप्रदेश में शादी होने के दो दिन बाद ही ससुराल में शौचालय नहीं होने पर पति का घर छोड़कर वापस चली गयी। उन्होंने कहा कि स्वच्छता महिलाओं की मर्यादा एवं सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है और निर्मल भारत अभियान जनांदोलन है जिसका लक्ष्य दस सालों में खुले में शौच करने की प्रथा का उन्मूलन करना है।
उन्होंने लोगों को पर्याप्त स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराने को लेकर राजस्थान सरकार की आलोचना की। रमेश ने कहा कि राज्य में 9,177 ग्राम पंचायतों में केवल 321 ही खुले में शौच की प्रथा से मुक्त हुई हैं। उन्होंने प्रशासन से राज्य को पांच साल में खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए एक योजना तैयार करने के लिए कहा। इसी बीच भगवा संगठनों के सदस्यों ने जगह-जगह रमेश को मंदिर एवं शौचालय संबंधी बयान को लेकर काले झंडे दिखाए।
First Published: Sunday, October 21, 2012, 18:20