Last Updated: Wednesday, February 20, 2013, 18:11

चेन्नई : लिट्टे के दिवंगत प्रमुख वी. प्रभाकरन के 12 साल के पुत्र बालचंद्रन की कथित नृशंस हत्या के ‘अमानवीय कृत्य’ पर श्रीलंकाई सरकार को आड़े हाथ लेते हुए तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने आज कहा कि भारत को कोलंबो के खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए और मार्च महीने में जिनेवा में होने जा रही संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की बैठक में कथित मानवाधिकार हनन पर खासकर श्रीलंका के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का उसे समर्थन करना चाहिए ।
संवाददाताओं से बातचीत में जयललिता ने इसे ‘‘चरम क्रूरता का एक अमानवीय कृत्य’’ करार देते हुए कहा, ‘‘वह तो एक बच्चा था जिसने कोई गुनाह नहीं किया था। उसे सुनियोजित तरीके से मारा गया क्योंकि वह प्रभाकरन का पुत्र था। यह ऐसी कई हत्याओं का प्रमाण है और इससे श्रीलंका की मौजूदा सरकार की मानसिकता का पता चलता है।’’ अन्नाद्रमुक प्रमुख ने कहा कि ऐसी हत्याओं से हिटलर के शासनकाल वाले नाजी युग के जर्मनी की याद आती है जहां यहूदियों को सिर्फ उनकी नस्ल के लिए मार डाला जाता था।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बालचंद्रन की हत्या गंभीर प्रकृति का युद्ध अपराध है जिसे माफ नहीं किया जा सकता।’’ कथित मानवाधिकार हनन को लेकर कोलंबो के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए जया ने कहा कि भारत को अमेरिका एंव अन्य देशों से इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए। गौरतलब है कि अमेरिका अगले महीने यूएनएचआरसी की बैठक में श्रीलंका के खिलाफ प्रस्ताव लाने जा रहा है। जया ने मांग की, ‘‘युद्ध अपराध के सभी दोषियों पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मुकदमा चलना चाहिए।’’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 20, 2013, 18:11