Last Updated: Thursday, July 25, 2013, 12:59

चेन्नई : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि श्रीलंका में राजनीतिक सुलह एवं हस्तांतरण की प्रक्रिया को लेकर भारत की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। प्रधानमंत्री ने ये बातें इस संबंध में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के पत्र के जवाब में कहीं। जयललिता को 16 जुलाई को लिखे पत्र में प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रीलंका में राजनीतिक सुलह एवं हस्तांतरण के सवाल पर भारत के रुख में कोई परिवर्तन नहीं आया है।
उन्होंने लिखा कि हम लंबे समय से श्रीलंका में ऐसे वातावरण के निर्माण के पैरोकार रहे हैं, जिसमें सभी समुदायों, खासकर श्रीलंकाई तमिलों को एकीकृत श्रीलंका के निर्धारित ढांचे के अंतर्गत अपना भविष्य तय करने की आजादी हो।
प्रधानमंत्री का यह पत्र गुरुवार को मीडिया में सार्वजनिक किया गया। प्रधानमंत्री ने यह पत्र जयललिता की ओर से 14 जुलाई को लिखे पत्र के जवाब में लिखा है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार से श्रीलंका पर उसके संविधान के 13वें संशोधन के तहत सुनिश्चित किए गए प्रावधानों को निष्प्रभावी नहीं करने के लिए दबाव बनाने को कहा था।
श्रीलंका के संविधान का यह संशोधन प्रांतों एवं अल्पसंख्यक समुदायों की स्वायत्तता सुनिश्चित करता है। लेकिन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की सरकार ने इन प्रावधानों को निष्प्रभावी करने की चेतावनी दी है, जिसके बाद जयललिता ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा।
जयललिता ने केंद्र सरकार से श्रीलंका में लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण की प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए भी कहा था, ताकि वहां तमिलों का रहना मुश्किल न हो। (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 25, 2013, 12:59