श्रीलंका में मानवाधिकार उल्लंघन में जवाबदेही जरूरी : खुर्शीद

श्रीलंका में मानवाधिकार उल्लंघन में जवाबदेही जरूरी : खुर्शीद

श्रीलंका में मानवाधिकार उल्लंघन में जवाबदेही जरूरी : खुर्शीद नई दिल्ली : श्रीलंका में तमिलों के मानवाधिकारों के उल्लंघन के संबंध में नए आरोप सामने आने के बीच सरकार ने आज कहा कि ऐसे मुद्दों में जवाबदेही होनी चाहिए। हालांकि उसने इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र में लाए जाने वाले एक प्रस्ताव पर भारत के रूख के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की।

श्रीलंका में तमिलों की दुर्दशा के मुद्दे पर राज्यसभा में ध्यानाकषर्ण प्रस्ताव पर हुयी चर्चा में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि हम चाहते हैं कि श्रीलंका के तमिल नागरिकों को समानता, गरिमा और न्याय मिल सके। वे संप्रभु राष्ट्र श्रीलंका के नागरिक हैं हालांकि उनका भारत के साथ संबंध है।

उन्होंने कहा कि श्रीलंका के संप्रभु मामलों में भारत सीधे तौर पर कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा। चर्चा में भाग लेते हुए कई सदस्यों ने लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण के 12 वर्षीय पुत्र बालचंद्रन की हत्या का मुद्दा उठाया और स्वतंत्र एवं विश्वसनीय जांच की मांग की।

संप्रग सरकार में शामिल द्रमुक के साथ ही अन्नाद्रमुक तथा भाकपा ने खुर्शीद के जवाब पर असंतोष जताते हुए सदन से वाकआउट किया। द्रमुक ने कहा कि इस मुद्दे पर उसका सरकार पर भरोसा नहीं रह गया है।

श्रीलंका की सेना द्वारा बालचंद्रन की हत्या के आरोप पर खुर्शीद ने कहा कि भारत इस घटना की सचाई के बारे में फैसला नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि श्रीलंका में तमिलों की स्थिति पर सरकार सजग है और भारत चाहता है कि पड़ोसी देश एक बार फिर खुशहाल हो और उसमें तमिलों सहित विभिन्न नागरिकों की भी सहभागिता हो। (एजेंसी)

First Published: Thursday, February 28, 2013, 00:00

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