Last Updated: Tuesday, August 20, 2013, 13:26

नई दिल्ली : श्रीलंका में नवंबर में होने वाले राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन (चोगम) में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के हिस्सा नहीं लेने की मांग पर चिर प्रतिद्वन्द्वी अन्नाद्रमुक और द्रमुक लोकसभा में एक साथ नजर आए और दोनों दलों ने इस बारे में सरकार से आश्वासन मांगा।
अन्नाद्रमुक के थम्बीदुरई ने सदन में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस बारे में उनकी पार्टी प्रमुख तथा तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने प्रधानमंत्री को दो पत्र लिखे हैं। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन ऐसे देश में हो रहा है जिसके खिलाफ युद्धअपराध और मानवाधिकारों के उल्लंघन का मामला है, इसलिए प्रधानमंत्री को वहां नहीं जाना चाहिए।।
उन्होंने कहा कि श्रीलंका में हो रही बैठक में भारतीय उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के शामिल होने का मतलब उस देश की सरकार द्वारा श्रीलंकाई तमिलों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का समर्थन होगा, इसलिए भारत इसमें हिस्सेदारी नहीं करे।
उन्होंने कहा कि हम सरकार से इस बारे में आश्वासन चाहते हैं। द्रमुक के इलानगोवन ने कहा कि कहा कि उनकी पार्टी कई बार कह चुकी है कि प्रधानमंत्री केा श्रीलंका में हो रही बैठक में शामिल नहीं होना चाहिए। वह हमारे मछुआरों पर हमला करता है, दोनों देशो के बीच के समझौत का पालन नहीं करता और वह तमिलों के नरसंहार एवं उनपर अत्याचार में शामिल है।
उन्होंने कहा कि इसलिए उनकी पार्टी आग्रह करती है कि प्रधानमंत्री श्रीलंका बैठक में हिस्सा नहीं लें अन्यथा यह तमिलनाडु के लोगों का अपमान होगा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 20, 2013, 13:26