Last Updated: Tuesday, March 26, 2013, 18:13

चेन्नई : श्रीलंका के तमिलों के समर्थन में बढ़ते प्रदर्शन के बीच तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने मंगलवार को कहा कि राज्य में आईपीएल के केवल उन्हीं मैचों की अनुमति दी जाएगी जिनमें श्रीलंका के खिलाड़ी, अम्पायर, अधिकारी या सहायक कर्मचारी नहीं होंगे।
उन्होंने कहा कि श्रीलंका सरकार की कार्रवाईयों से तमिलनाडु में बढ़ते रोष को देखते हुए तमिलनाडु सरकार का मानना है कि श्रीलंका के खिलाड़ी, अंपायर और अन्य अधिकारी आईपीएल के जिन मैचों में शामिल हों वे तमिलनाडु में नहीं खेले जाने चाहिए। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में जयललिता ने कहा कि केंद्र सरकार बीसीसीआई को सलाह दे सकती है कि आईपीएल के आयोजक राज्य में होने वाले मैचों से श्रीलंका के खिलाड़ियों, अधिकारियों, अंपायरों और सहयोगी कर्मचारियों को दूर रखें।
उन्होंने कहा कि ‘तमिलनाडु की सरकार राज्य में केवल उन्हीं आईपीएल मैचों को अनुमति देगी जिसमें आयोजक हलफनामा दें कि श्रीलंका के खिलाड़ी, अंपायर, अधिकारी या समर्थन देने वाले कर्मचारी इन मैचों में हिस्सा नहीं लेंगे। जयललिता ने कहा कि यूएनएचआरसी में हाल में हुई चर्चा के दौरान यह पता चला कि श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर राज्य में काफी रोष है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे गर्म माहौल में तीन अप्रैल से चेन्नई सहित कई स्थानों पर आईपीएल क्रिकेट मैच होने हैं और ये मैच 26 मई तक चलेंगे। उन्होंने कहा कि टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली लगभग सभी टीमों में श्रीलंका के क्रिकेट खिलाड़ी शामिल हैं।
जयललिता ने कहा कि श्रीलंका में तमिलों के खिलाफ ‘जातीय नरसंहार दुखद घटना’ थी। उन्होंने कहा कि श्रीलंका के निर्दोष तमिलों के नरसंहार की इस दुखद घटना का तमिलनाडु के लोगों के बीच गहरा असर हुआ है। उन्होंने कहा कि हाल में श्रीलंका के तमिलों के खिलाफ अत्याचार की बढ़ती घटनाओं को लेकर तमिलनाडु में व्यापक आंदोलन, भूख हड़ताल, आत्मदाह की घटनाएं देखी गई हैं। इसका छात्र समुदाय सहित समाज के बड़े तबके ने विरोध किया है।
तमिलनाडु के मछुआरों पर श्रीलंका की नौसेना द्वारा हमले के विरोध में लिखे अपने पत्र को याद करते हुए उन्होंने कहा कि श्रीलंका की नौसेना की विद्वेषात्मक कार्रवाई से भी उनकी भावनाएं आहत हुई हैं। जयललिता ने कहा कि ऐसे गर्म और तनावपूर्ण माहौल में हमें आशंका है कि आईपीएल टूर्नामेंट में श्रीलंका के खिलाड़ियों की भागीदारी से माहौल और खराब होगा और लोगों की भावनाएं और आहत होंगी। लिट्टे के मारे गए प्रमुख वी. प्रभाकरन के बेटे की कथित नृशंस हत्या को लेकर प्रदर्शन के बीच पिछले महीने उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार जुलाई में 20वीं एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में श्रीलंका के खिलाड़ियों के लिए कोई स्थान नहीं है।
पिछले वर्ष सितंबर में जयललिता ने श्रीलंका की फुटबॉल टीम को वापस भेज दिया था और यहां एक मैत्री मैच खेलने के लिए राज्य के एक अधिकारी को निलंबित कर दिया था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 26, 2013, 18:13