Last Updated: Tuesday, July 10, 2012, 09:26

नई दिल्ली : राष्ट्रपति पद के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थित उम्मीदवार पीए संगमा की टीम ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी के नामांकन पत्र की कथित खामियों से जुड़े सबूत सोमवार को निर्वाचन आयोग को सौंपे। केंद्र सरकार ने हालांकि इन आरोपों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इनमें कोई दम नहीं है।
संगमा खेमे ने मुखर्जी की उम्मीदवारी खारिज करने की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि वह कोलकाता स्थित भारतीय सांख्यिकीय संस्थान (आईएसआई) के अध्यक्ष के रूप में लाभ के एक पद पर बने हुए हैं। मुखर्जी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था।
संगमा की टीम के सदस्यों ने निर्वाचन आयोग को 180 पन्नों का एक सेट सौंपा है। इसमें इसका भी जिक्र है कि मुखर्जी द्वारा आईएसआई के अध्यक्ष पद से दिए गए इस्तीफे में फर्जी हस्ताक्षर हैं। जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी ने संवाददाताओं को बताया कि शनिवार को हमने अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने हमसे दस्तावेज मांगे था, जो हमने आज सौंप दिए।
उन्होंने कहा कि नैतिक आधार पर मुखर्जी को राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से अलग हो जाना चाहिए और संगमा को निर्विरोध चुना जाना चाहिए। इस बीच, संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि विपक्षी दलों को अपनी ऊर्जा अच्छे काम में लगाना चाहिए। प्रणब मुखर्जी नामांकन के दिन तक किसी भी लाभ के पद पर नहीं थे।
संगमा को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), आल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) और बीजू जनता दल (बीजद) जैसे कुछ विपक्षी दलों का समर्थन है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 10, 2012, 09:26