Last Updated: Thursday, January 19, 2012, 12:34
अहमदाबाद : निलंबित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट पर झूठे हलफनामा मामले में गलत तरीके से कैद करके रखने और साक्ष्य गढ़ने का आरोप लगाया गया है। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर साल 2002 में राज्य में हुए दंगों में शामिल रहने का आरोप लगाने के बाद भट्ट चर्चा में आए थे।
भट्ट और उनके वकील वीएच कनारा के खिलाफ झूठा हलफनामा दायर करने के मामले में आरोप पत्र कल घाटलोदिया पुलिस ने यहां की एक सत्र अदालत में दायर किया था। एक पुलिस कांस्टेबल ने आईपीएस अधिकारी पर झूठा हलफनामा दायर करने का आरोप लगाया था। जिस हलफनामे पर सवाल खड़ा किया जा रहा है उसमें 27 फरवरी 2002 को गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद बुलाई गई बैठक में भट्ट की मौजूदगी को स्थापित करने की कोशिश की गई थी।
भट्ट ने आरोप लगाया था कि इस बैठक में मोदी ने पुलिस को मुस्लिम विरोधी दंगाइयों को खुली छूट देने को कहा था। पंत ने आरोप लगाया है कि भट्ट ने उसे हलफनामे पर हस्ताक्षर करने को मजबूर किया ताकि साल 2002 के दंगा मामलों में अदालत की सहायता के लिए नियुक्त वकील राजू रामचंद्रन को इसे सौंपा जा सके।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, January 19, 2012, 18:04