Last Updated: Friday, July 6, 2012, 11:15

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपों की सीबीआई जांच को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को फैसला सुना दिया। इस फैसले में मायावती को आय से अधिक संपत्ति के मामले में बड़ी राहत मिली है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सीबीआई को इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की जरूरत ही नहीं थी। जो एफआईआर दर्ज किया गया है, उसे खत्म कर दिया जाए। शीर्ष कोर्ट ने यह भी कहा कि इस केस में सीबीआई की दलील ठीक नहीं है। सीबीआई ने फैसला समझने में गलती की।
सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ सीबीआई जांच खारिज करते हुए कहा कि सीबीआई को मायावती के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज नहीं करना चाहिए था क्योंकि इस न्यायालय से इस संबंध में कोई निर्देश नहीं दिया गया।
शीर्ष कोर्ट ने यह भी कहा कि हम इस बात से सहमत हैं कि हमने 1995 से 2003 के बीच मायावती के खिलाफ आय से कथित रूप से अधिक संपत्ति की जांच का कोई निर्देश नहीं दिया था। सीबीआई ने हमारे आदेश को सही ढंग से समझे बिना मायावती के खिलाफ कार्यवाही की।
वहीं, बहुजन समाज पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। बसपा सांसद और वकील सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि आज न्याय मिला है। बीजेपी सरकार के दबाव में सीबीआई ने काम किया था और इसी सरकार के दबाव में मायावती के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उन्होंने कहा कि अब जाकर नौ साल के बाद इंसाफ मिला है।
गौर हो कि मायावती ने सीबीआई की इस कार्यवाही को चुनौती देते हुए 2008 में याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एक मई को सुश्री मायावती की याचिका पर सुनवाई पूरी की थी। न्यायालय ने कहा था कि इस मामले में फैसला बाद में सुनाया जाएगा।
मायावती की मंशा थी कि न्यायालय सीबीआई को निर्देश दे कि वह उनकी आमदनी के बारे में आय कर न्यायाधिकरण के निर्णय के आलोक में सारे मामले पर विचार करे। आयकर न्यायाधिकरण के इस आदेश को दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी सही करार दिया था।
दूसरी ओर, सीबीआई का दावा था कि मायावती द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में उसके पास पर्याप्त सबूत है। सीबीआई का कहना है कि मायावती ने 2003 में एक करोड़ रुपए की संपत्ति की घोषणा की थी जो 2007 में बढ़कर 50 करोड़ रुपये हो गई थी। इस बारे में बसपा सुप्रीमो का कहना है कि कार्यकर्ताओं से चंदे के रूप में उन्हें यह धन मिला है।
First Published: Friday, July 6, 2012, 11:15